मोहम्मद सिराज को जब अपने कप्तान पर ही आया था गुस्सा, अजिंक्य रहाणे ने किया बड़ा खुलासा
Mohammed Siraj: 5 मैचों की इस सीरीज के खत्म होने के बाद मोहम्मद सिराज की हर तरफ तारीफ हो रही है। अब टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने उस समय को याद किया, जब सिराज को अपने कप्तान पर गुस्सा आ गया था।

Mohammed Siraj: एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने सबसे ज्यादा 23 विकेट अपने नाम किए। केनिंग्टन ओवल में तो सिराज के दम पर ही टीम इंडिया ने शानदार जीत दर्ज की है। 5 मैचों की इस सीरीज के खत्म होने के बाद मोहम्मद सिराज की हर तरफ तारीफ हो रही है। अब टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने उस समय को याद किया, जब सिराज को अपने कप्तान पर गुस्सा आ गया था। इसके साथ ही उन्होंने इंग्लैंड के दिग्गज जेम्स एंडरसन के साथ सिराज की तुलना कर दी है।
मोहम्मद सिराज के फैन बने अजिंक्य रहाणे
एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के खत्म होने के बाद पूर्व भारतीय कप्तान अजिंक्य रहाणे ने अपने यूट्यूब चैनल पर मोहम्मद सिराज की तारीफ करते हुए कहा, ‘सिराज के बारे में मुझे जो बात पसंद है, वह यह है कि वह हमेशा लंबे स्पैल गेंदबाजी करना पसंद करते हैं। 2020-21 सीरीज में भी वह उसी जोश के साथ ऐसा करने को तैयार थे। ऑस्ट्रेलिया में, जब वह डेब्यू कर रहे थे, तो वह गुस्से में थे क्योंकि मैंने उन्हें बहुत देर से अटैक पर लगाया था। उनके अंदर अभी भी गुस्सा है। यह गुस्सा मोहम्मद सिराज में सर्वश्रेष्ठ को सामने लाता है। हमने इंग्लैंड सीरीज में देखा। उनकी गेंदबाजी में आक्रामकता और जिस जोश के साथ वह गेंदबाजी करते हैं, वह हमेशा अपनी पहली गेंद फेंकने तक पूरी तरह तैयार हो जाते हैं। यह एक महान गेंदबाज का सबसे बड़ा गुण है।’
Ajinkya Rahane shared an intriguing tale of Mohammed Siraj, explaining how the pacer got angry with him over delayed introduction to attack. pic.twitter.com/fkfN7Q1HIK
— The Brief (@thebriefworld) August 9, 2025
जेम्स एंडरसन के साथ सिराज की हुई तुलना
टेस्ट क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के साथ मोहम्मद सिराज की तुलना करते हुए अजिंक्य रहाणे ने कहा, ‘कभी-कभी, अन्य गेंदबाज वार्म-अप के लिए 8-10 गेंदें लेते हैं। कुछ गेंदबाज ऐसा करने में दो गेंदें लेते हैं, लेकिन सिराज हमेशा तैयार रहते हैं। जेम्स एंडरसन की तरह, वह हमेशा पहली गेंद से ही तैयार रहते हैं। यहाँ तक कि जब वह स्पैल में अपना 9वाँ या 9वाँ ओवर फेंक रहे होते हैं, तब भी उनमें वही आक्रामकता और जोश होता है। मैंने उनमें एक बदलाव देखा है, उन्हें अपनी फील्डिंग पर पूरा भरोसा है। जब कोई गेंदबाज कप्तान से कहता है, ‘मुझे यह फील्ड दे दो’, तो यह वाकई आसान हो जाता है। इस सीरीज में, जब जसप्रीत बुमराह नहीं थे, तो ज़िम्मेदारी ने उनकी मदद की।’
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