Bob Simpson Passed Away: ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड कप जिताने वाले दिग्गज का निधन, भारत से था खास कनेक्शन
Bob Simpson Passed Away: ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर और कोच बॉब सिम्पसन अब इस दुनिया में नहीं रहे. 89 साल की उम्र में उनका निधन हो गया है. आइए जानते हैं उनका क्रिकेटिंग सफर कैसा रहा.

Bob Simpson Passed Away: 16 अगस्त 2025 को एक दुखद खबर आई है. क्रिकेट जगत ने एक शानदार बल्लेबाज और दिग्गज कोच खो दिया है. इस दिग्गज के जाने से सबसे बड़ी क्षति क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को हुई है. क्योंकि टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज कोच बॉब सिम्पसन अब इस दुनिया में नहीं रहे. उनका शनिवार को 89 साल की उम्र में निधन हो गया है. वह न सिर्फ एक शानदार बल्लेबाज थे, बल्कि कोच के तौर पर भी ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक लेकर गए. उनके निधन की खबर से फैंस स्तब्ध हैं. सिम्पसन को 2006 में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट हॉल ऑफ फेम और 2013 में आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था.
RIP to a true cricket legend.
A Test cricketer, captain, coach and national selector – Bob Simpson was a mighty figure in Australian cricket, giving everything to our game.
Cricket Australia extends our thoughts and sympathies to Bob’s family and friends. pic.twitter.com/U8yGeZNmCb---Advertisement---— Cricket Australia (@CricketAus) August 16, 2025
बॉब सिम्पसन ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज में शामिल रहे. वो ऑस्ट्रेलिया के कप्तान, कोच और सेलेक्टर भी रहे. उनकी कोचिंग में ऑस्ट्रेलिया ने 1987 का विश्व कप और 1989 का एशेज घरेलू मैदान पर अपने नाम किया था. इस दिग्गज का भारत से भी खास कनेक्शन रहा. आइए जानते हैं उनका क्रिकेटिंग सफर और कुछ खास रिकॉर्ड…
पहले शतक को तिहरे शतक में बदला, 13 घंटे तक की थी बैटिंग
ये वही बॉब सिम्पसन हैं, जिन्होंने अपने करियर का आगाज 1957 में किया और 1978 तक ऑस्ट्रेलिया के लिए खेले. इस दौरान उन्होंने 62 टेस्ट खेले और 46.81 की औसत से 4869 रन बनाए, गेंद से 71 विकेट भी निकाले. उन्हें पहली सेंचुरी जमाने में 30 मैच लग गए थे. तीसवें मुकाबले में उन्होंने पहला शतक ठोका, जो तिहरे शतक में बदला. उन्होंने 13 घंटे तक बैटिंग करते हुए ओल्ड ट्रैफर्ड में 311 रनों की पारी खेली थी. यह खास रिकॉर्ड भी है.
61 साल कायम रहा था उनका ये रिकॉर्ड
सिम्पसन तिहरा शतक लगाने वाले पहले टेस्ट कप्तान भी थे. टेस्ट मैच में 300 रन बनाने वाले वो सबसे कम उम्र के कप्तान थे. उनका ये रिकॉर्ड 61 साल तक कायम रहा था, जिसे साल 2026 में दक्षिण अफ्रीका के वियान मुल्डर ने तोड़ा, जिन्होंने जिम्बाब्वे में टेस्ट कप्तानी के अपने पहले ही मैच में 357 रनों की पारी खेली थी.
बतौर कप्तान कैसा रहा बॉब सिम्पसन का रिकॉर्ड?
ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी करते हुए उन्होंने 39 टेस्ट खेले, जिनमें 12 जीत दिलाईं. खास बात ये है कि संन्यास लेने के बाद जब उन्हें मनाया गया तो उन्होंने 41 साल की उम्र में फिर वापसी की और कमजोर ऑस्ट्रेलिया टीम को संभाला. संन्यास से लौटने के बाद उन्होंने 10 और टेस्ट मैच खेले, जिनमें दो शतक शामिल थे.
Former Australian captain and coach Bob Simpson passed away aged 89.
— Cricketopia (@CricketopiaCom) August 16, 2025
First Test captain to record a triple century.
Team Australia Coach in World Cup 1987.
The only person to be involved in both tied tests – one as a player and one as a coach.
Wisden Cricketer of Year 1965. pic.twitter.com/Et8ZXchp4P
कोचिंग में दिलाया पहला वर्ल्ड कप
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्हें 1978 में ऑस्ट्रेलिया टीम का कोच बनाया गया था. सिम्पसन ने 1986 और 1996 के बीच ऑस्ट्रेलिया के पहले पूर्णकालिक कोच के रूप में कार्यभार संभाला. अपने कार्यकाल में उन्होंने दिग्गज क्रिकेटरों की एक टीम तैयार की और 1987 में पहली बार ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप जिताने में अहम रोल अदा किया. इतना ही नहीं उन्हीं की कोचिंग में ऑस्ट्रेलिया ने 17 साल के सूखे के बाद 1995 में फ्रैंक वॉरेल ट्रॉफी भी हासिल की थी.
An Australian Test captain and one of the most influential coaches ever in Australian cricket, Bob Simpson has passed away at the age of 89.
— 7Cricket (@7Cricket) August 16, 2025
Vale, Bob 🙏 pic.twitter.com/ATlk6Vfcr9
दो टाई टेस्ट मैचों का हिस्सा रहे
सिम्पसन को 2006 में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट हॉल ऑफ फेम और 2013 में आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था. दिलचस्प बात ये है कि वो क्रिकेट के इतिहास में दोनों टाई टेस्ट मैचों का हिस्सा रहे. साल 1960 में ब्रिस्बेन में वेस्टइंडीज के खिलाफ सलामी बल्लेबाज के रूप में और 1986 में चेन्नई में भारत के खिलाफ कोच के रूप में.
भारत से क्या था कनेक्शन?
बॉब सिम्पसन का भारत से भी खास कनेक्शन रहा. उन्होंने 1990 के दशक में भारतीय क्रिकेट टीम के सलाहकार के रूप में भी काम किया और 2000 के दशक की शुरुआत में रणजी ट्रॉफी में राजस्थान क्रिकेट टीम के लिए भी इसी भूमिका में एक संक्षिप्त कार्यकाल दिया.
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