ICC ने मानी ये सिफारिश तो BCCI का घट जाएगा खज़ाना, जय शाह पर बना फैसला लेने का दबाव?
आईसीसी चेयरमैन जय शाह के सामने एक बड़ी सिफारिश की गई है. जिसे अगर मान लिया जाता है तो बीसीसीआई को बड़ा झटका लगना तय है. साथ ही दुनिया भर में क्रिकेट की तस्वीर भी बदल जाएगी. वहीं आईसीसी भी पूरे मुद्दे से दबाव में आ सकती है. पढ़ें पूरी खबर...
ICC के नए चेयरमैन जय शाह ने अगर डबल्यूसीए यानी वर्ल्ड क्रिकेटर्स एसोसिएशन की सिफारिश मान ली तो बीसीसीआई के पांव तले ज़मीन खिसक सकती है. दरअसल. क्रिकेट में नए दौर में हर क्रिकेट बोर्ड अपने-अपने देश में आईपीएल जैसी टी20 लीग का आयोजन करना चाहता है. सभी का मकसद है बीसीसीआई की तरह बेहिसाब पैसा कमाना, लेकिन परेशानी ये है कि आईपीएल की तरह अन्य लीग्स को आईसीसी से स्पेशल विंडो नहीं मिल पाई है.
आईपीएल के दौरान इंटरनेशनल क्रिकेट ना के बराबर होती है, इससे वर्ल्ड क्रिकेट के बड़े-बड़े क्रिकेटर्स भारत आकर आईपीएल में खेलते दिखते हैं. जबकि अन्य देशों की लीग्स इंटरनेशनल क्रिकेट के बीच होती है. जिससे दूसरे देशों के बड़े नामों की मौजूदगी से विदेशी लीग्स महरूम रह जाती हैं.
क्रिकेटर्स का भविष्य करना है सुरक्षित
बताने की ज़रूरत नहीं कि लीग्स में खेलने से होने वाली अच्छी कमाई क्रिकेटर्स का भविष्य सुरक्षित कर सकती है. जबकि कई मौकों पर क्रिकेटर्स भी अपने देश की इंटरनेशनल सीरीज़ में खेलने की प्राथमिकता के चलते इन लीग्स में नहीं खेल पाते. यही वजह है अब खिलाड़ियों के भविष्य की ज़रूरतों का हवाला देते हुए वर्ल्ड क्रिकेटर्स एसोसिएशन ने आईसीसी से खास सिफारिश की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक डबल्यूसीए चाहता है कि आईसीसी इंटरनेशनल क्रिकेट के दिनों को सीमित करते हुए टी20 लीग्स को प्राथमिकता दे.
4 विंडो में होगा इंटरनेशनल क्रिकेट?
डबल्यूसीए की सिफारिश है कि इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए साल में सिर्फ 84 दिन तय किए जाएं. जिसमें साल भर में 4 अलग अलग विंडो दी जा सकती हैं. ऐसी 1 विंडो 3 हफ्तों तक यानी 21-21 दिनों की हो सकती हैं, जो कि 4 अलग-अलग हिस्सों में फरवरी-मार्च, मई-जून, सितंबर और दिसंबर में दी जानी चाहिए. रिपोर्ट्स के मुताबिक डबल्यूसीए की आईसीसी से ये भी मांग है कि इस इंटरनेशनल क्रिकेट की विंडो के दौरान किसी भी तरह की टी20 लीग नहीं खेली जाए.
2 साल का साइकल बनाया जाएगा
रिपोर्ट के मुताबिक, डबल्यूसीए ने लिखा है कि इन 4 विंडो के दौरान हर टीम कम से कम एक सीरीज खेलेगी. जिसमें तीनों फॉर्मेट के कम से कम एक-एक मैच शामिल होंगे. वहीं हर फॉर्मेट की एक लीग टेबल होगी. जिसके आधार पर उस फॉर्मेट की आईसीसी वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए टीमें क्वालिफाई कर पाएंगी. इस नए फॉर्मेट को दो साल के साइकल के आधार पर तय किया जा सकता है.
फुटबॉल के लीग कल्चर से प्रेरणा
कुल मिलाकर डबल्यूसीए की सिफारिश ये तय करने की कोशिश है कि क्रिकेट में भी फुटबॉल की तरह कल्चर अपनाया जाए. जहां खिलाड़ी इंटरनेशनल गेम को इज्ज़त दें तो लीग क्रिकेट से उनका भविष्य सुरक्षित हो जाए. जिसपर अंतिम फैसला आईसीसी चेयरमैन जय शाह को लेना है. हालांकि इन सिफारिशों के तुरंत प्रभाव से अपनाए जाने की संभावना बहुत कम है लेकिन अगर भविष्य में कभी भी ऐसा हुआ तो इसका सीधा असर बीसीसीआई की कमाई पर पड़ना तय है.
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