इंग्लैंड सीरीज से पहले बीसीसीआई का बड़ा एक्शन, कर्मचारियों को झटका, ट्रैवल पॉलिसी में भी बदलाव
इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज से पहले बीसीसीआई की तरफ से नई भत्ता नीति का ऐलान किया गया है. इसके तहत कर्मचारियों को अब कितना भत्ता मिलेगा. इसके अलावा ट्रैवल पॉलिसी में भी बदलाव किया गया है. पढ़िए पूरी खबर

टीम इंडिया इन दिनों इंग्लैंड के दौरे पर 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए गई है. इस सीरीज की शुरुआत 20 जून से होनी है और टीम इंडिया की कमान युवा हाथों में है. इस सीरीज के शुरू होने से ठीक पहले बीसीसीआई ने बड़ा एक्शन लेते हुए कर्मचारियों के दैनिक भत्ते में कटौती का फैसला किया है. इसी के साथ ट्रैवल पॉलिसी में भी बदलाव किए गए हैं. बोर्ड की तरफ से किए गए इन बदलावों का असर कर्मचारियों पर कितना पड़ेगा आइए जानते हैं.
कर्मचारियों को कितना भत्ता मिलेगा?
बीसीसीआई की तरफ से अभी तक आईपीएल 2025 में कर्मचारियों की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है. सभी विभागों के कर्मचारियों के दैनिक भत्तों का भुगतान ‘टूर्नामेंट भत्ता नीति’ के सरल बनने के बाद किया जाएगा. ये नीति बोर्ड के शीर्ष अधिकारी द्वारा तय की जाएगी. बीसीसीआई की मौजूदा यात्रा नीति के तहत कर्मचारियों को छोटी अवधि की यात्रा (चार दिन तक) के लिए प्रतिदिन 15,000 रुपये और आमतौर पर आईपीएल, डब्ल्यूपीएल और आईसीसी की प्रतियोगिताओं से संबंधित लंबी अवधि की यात्रा के लिए प्रतिदिन 10,000 रुपये का भुगतान किया जाता है. यात्रा के दौरान एकमुश्त आकस्मिक भत्ता 7500 रुपये था.
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— The Great India (@thegreatindiav) June 15, 2025
BCCI releases pending allowances after streamlining tournament policy. Staff get ₹15,000/day for short trips, ₹10,000/day for IPL/WPL/ICC events, plus ₹7,500 one-time allowance.#BCCI #CricketNews #IPLCricket #WPL… pic.twitter.com/aEfQmSlAkM
नई पॉलिसी के तहत आकस्मिक भत्ते को हटा दिया गया है. कर्मचारियों को अब यात्रा के दौरान 10,000 रुपये का एक समान दैनिक भत्ता ही मिलेगा. पीटीआई से बात करते हुए एक सूत्र ने बताया कि टैक्स कटौती के बाद प्रभावी दैनिक भत्ता लगभग 6,500 रुपये प्रति दिन होगा.
कब तक होगा बकाया राशि का भुगतान?
पॉलिसी में बदलाव किया जाना था जिसके चलते अभी तक कर्मचारियों को आईपीएल और डब्ल्यूपीएल के लिए उनके दैनिक भत्ते का भुगतान नहीं किया गया था. बीसीसीआई के सूत्र ने पीटीआई को बताया कि “भत्तों के मामले में एक क्लियर पॉलिसी की आवश्यकता थी क्योंकि कुछ कर्मचारी टूर्नामेंट के दौरान मुंबई मुख्यालय से काम करने के बावजूद भत्ते का दावा कर रहे थे. अब जब पॉलिसी तैयार हो गई है, तो बकाए का भुगतान जल्द ही किया जाएगा.”
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