ICC Champions Trophy 2025: भारतीय टीम अपने शुरुआती दो मुकाबले जीत कर चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल में जगह बना चुकी है. रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया ने दुबई में बांग्लादेश और पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया. इसके बावजूद भारत की जीत पर सवाल उठ रहे हैं. क्रिकेट जगत में इस समय बहस छिड़ी हुई है कि क्या भारत को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में दुबई में खेलने का फायदा मिल रहा है?
इस सवाल पर ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस, दक्षिण अफ्रीका के रासी वान डेर डुसेन और कई पूर्व क्रिकेटरों ने भारत पर “अनफेयर एडवांटेज” लेने का आरोप लगाया है. इनका कहना है कि भारत को पूरे टूर्नामेंट में एक ही मैदान पर खेलने का फायदा मिल रहा है, जिससे टीम को यात्रा की थकान नहीं झेलनी पड़ी और उन्हें एक स्थिर माहौल मिला. लेकिन क्या वाकई भारत को सिर्फ दुबई में खेलने की वजह से ‘फायदा’ मिल रहा है या फिर यह एक सोची-समझी आलोचना मात्र है?
अगर भारत पाकिस्तान जाता, तो क्या होता?
भारतीय टीम हाइब्रिड मॉडल के तहत अपने सभी मैच दुबई में खेल रही है, लेकिन अगर भारत चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान जाता तो भी दुबई जैसा ही फायदा बना रहता. ऐसा इसलिए क्योंकि उस स्थिति में भी भारत को लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में ही अपने सभी मैच खेलती. इसका मतलब है कि वे अपने सभी मैच एक ही जगह पर खेलते, एक ही होटल में ठहरते और एक ही जगह पर ट्रेनिंग करते.
वही बेकार बहाने जो आलोचक भारत के दुबई में अपने सभी मैच खेलने के फायदे के तौर पर बता रहे हैं. अब अगर यही चीजें भारत को पाकिस्तान में खेलने पर मिलतीं, तो क्या आलोचक इसे अनफेयर एडवांटेज बताते? बिल्कुल नहीं.
लाहौर में भारत का रिकॉर्ड
इतना ही नहीं, दुबई के मुकाबले लाहौर गद्दाफी स्टेडियम की पिच बल्लेबाजी के लिए ज्यादा अनुकूल मानी जाती है और भारतीय टीम में एक से बढ़कर एक धाकड़ बल्लेबाज हैं, जो किसी भी गेंदबाजी अटैक की धज्जियां उड़ाने का दम रखते हैं. लाहौर में भारतीय टीम का वनडे रिकॉर्ड काफी शानदार रहा है. टीम इंडिया ने यहां 6 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें से 4 में जीत हासिल की और दो मैचों में हार का सामना किया. इस मैदान पर भारत ने आखिरी बार 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेला था, जिसमें टीम इंडिया ने पाक को 5 विकेट हराया था.
PCB ने दिया था ये ऑफर
चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने भारत को एक और ऑफर दिया था. उन्होंने भारत को यह विकल्प दिया कि हर मैच के बाद टीम को लाहौर से चंडीगढ़ भेजा जाएगा, जिससे खिलाड़ियों को आराम और सुरक्षा दोनों मिल सके, लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने इसे ठुकरा दिया.
अब सोचने वाली बात यह है कि अगर भारत पाकिस्तान जाकर खेलता और हर मैच के बाद लाहौर से चंडीगढ़ लाया जाता, तो क्या आलोचक तब भी इस फैसले की आलोचना करते? संभवतः नहीं, बल्कि इसे एक सामान्य प्रक्रिया बताया जाता. अब आलोचकों को इस बात पर फिर से गौर करने और सोचने की जरूरत है कि वे क्यों जहर उगल रहे हैं.
दुबई में क्यों खेल रही है टीम इंडिया?
भारत ने आखिरी बार 2008 के एशिया कप में पाकिस्तान का दौरा किया था. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव के कारण भारत ने पाकिस्तान में खेलने से दूरी बना ली. इसी कारण चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए एक हाइब्रिड मॉडल अपनाया गया, जिसमें भारत को अपने सभी मैच दुबई में खेलने की अनुमति दी गई. हाइब्रिड मॉडल के तहत, भारत अपने तीनों ग्रुप स्टेज मुकाबले और सेमीफाइनल दुबई में खेलेगी.
अगर टीम फाइनल में पहुंचती है, तो वह भी दुबई में खेला जाएगा. दूसरी ओर, दूसरा सेमीफाइनल लाहौर में खेला जाएगा. अब सवाल उठता है कि अगर भारत पाकिस्तान में खेलने का फैसला करता, तो वह अपने सभी मैच लाहौर में खेलता. फिर क्या आलोचक यही तर्क देते कि भारत को फायदा मिल रहा है? शायद नहीं. यानी यह सिर्फ आलोचकों का एक बेबुनियाद तर्क है, जिसे वो फैला रहे हैं, जिन्हें भारतीय टीम की शानदार जीत पच नहीं रही हैं.
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