Mohammed Shami Roza Fast Controversy: टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी 2025 (Champions Trophy 2025) में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में पहुंच गई है, जहां 9 मार्च को भारत और न्यूजीलैंड के बीच खिताबी मुकाबला खेला जाएगा. इसी बीच तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. शमी मौलवियों के निशाने पर आ गए हैं. इसकी वजह शमी के रमजान के दौरान रोज़े नहीं रखना बताया जा रहा है. इस विवाद की शुरुआत उस समय हुई, जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में शमी मैदान पर एनर्जी ड्रिंक पीते हुए नज़र आए.
शमी के रोज़ा नहीं रखने पर यूपी के बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी नाराज़ हो गए. उन्होंने कहा कि जो मुस्लिम व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ होने के बावजूद ‘रोज़ा’ नहीं रखता, वह बहुत बड़ा गुनहगार होता है. मौलाना के इस बयान के बाद माहौल गरमा गया. इसके बाद कई धर्मगुरु मोहम्मद शमी के समर्थन में उतर आए.
"रोजा ना रखकर शमी ने बहुत बड़ा गुनाह किया है, शरीयत की नजर में वो मुजरिम हैं.."
— News24 (@news24tvchannel) March 6, 2025
◆ "शमी अपने गुनाहों के लिए अल्लाह से माफी मांगें"
◆ ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा
Mohammed Shami | #Cricket | #Bareily pic.twitter.com/9G9ErydYgq
Md Shami is a criminal for not observing fast during Ramzan and choosing to play for his country over his faith… He has sent the wrong message to the Muslim community.
– President of All India Muslim Jamaat, Maulana Shahabuddin Razvi pic.twitter.com/aNF1u9GE50---Advertisement---— Mr Sinha (@MrSinha_) March 6, 2025
शमी के समर्थन में उतरे बीजेपी प्रवक्ता
इस मामले पर यूपी बीजेपी के नेता और प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने मौलाना को आड़े हाथों लिया और कहा, ‘आस्था किसी भी व्यक्ति का निजी मसला होता है. वो कौन सा व्रत रखेगा, पूजा पद्धति कैसे रखेगा, वो कैसे इबादत करेगा. वो रोजा रखेगा या नहीं रखेगा ये व्यक्ति की अपनी इच्छा पर निर्भर करता है. कोई भी व्यक्ति मजहब का ठेकेदार होकर ये तय करने का काम नहीं कर सकता कि उसे धर्म से बेदखल कर दिया जाए या समाज से बेदखल कर दिया जाए. ये दादागिरी बहुत लंबे समय तक कुछ मौलाना चलाते रहे. लेकिन ये दादागिरी अब नहीं चलेगी. क्रिकेटर देश के लिए खेल रहा है ये मौलाना से बर्दास्त नहीं हो रही है. इसलिए ये देश के लिए खेलने वाले क्रिकेटर पर बयान दे रहे हैं.’
"क्रिकेटर मोहम्मद शमी का रोज़े ना रखना गुनाह…" मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी
— Rakesh Tripathi (@rakeshbjpup) March 6, 2025
आस्था किसी भी व्यक्ति का निजी मसला होता है, आप किसी दूसरे की आस्था को ठेस मत पहुंचाइये बाकी प्रार्थना,पूजा पद्धति, इबादत, व्रत-अनुष्ठान या नमाज़ रोज़े का पालन करना है अथवा नहीं यह आप खुद की मर्जी पर तय कर… pic.twitter.com/UYAZ86zfAx
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी सदस्य ने क्या कहा?
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी के मामले में कहा, ‘सभी मुसलमानों के लिए रोजा रखना अनिवार्य है, खासकर रमज़ान के महीने में. हालांकि, अल्लाह ने कुरान में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि अगर कोई व्यक्ति यात्रा पर है या उसकी तबीयत ठीक नहीं है, तो उसके पास रोजा न रखने का विकल्प है. मोहम्मद शमी के मामले में, वह दौरे पर हैं, इसलिए उनके पास रोजा न रखने का विकल्प है. किसी को भी उन पर उंगली उठाने का अधिकार नहीं है.’
#WATCH | Lucknow, UP | On Indian cricketer Mohammed Shami, Executive Member of All India Muslim Personal Law Board, Maulana Khalid Rashid Farangi Mahli, says, "It is compulsory for all Muslims to observe Roza, especially in the month of Ramazan. However, Allah has clearly… pic.twitter.com/aseHrTkaYR
— ANI (@ANI) March 6, 2025
क्या है पूरा मामला?
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल मैच के दौरान टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का एनर्जी ड्रिंग पीते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. इस तस्वीर के वायरल होने के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने शमी को गुनहगार बताया, जिसके बाद इस मामले पर विवाद बढ़ गया.
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