टीम इंडिया के स्टार युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल को उनके बचपन के कोच ज्वाला सिंह से इंग्लैंड दौरे के लिए बड़ी सलाह मिली है. यशस्वी के कोच ज्वाला सिंह ने अपने पसंदीदा शिष्य से कहा है कि उन्हें इंग्लैंड दौरे पर ‘अग्रेसिव’ नहीं, बल्कि ‘सेंसिबल क्रिकेट’ खेलना होगा. जिसे अगर वो खेलने में कामयाब हो पाए तो टीम में वो अपनी भूमिका सही से निभा सकेंगे.
यशस्वी की जिम्मेदारी बढ़ी
गौरतलब है कि इंग्लैंड सीरीज़ में यशस्वी जायसवाल पर टीम की बल्लेबाजी को अच्छी शुरूआत देने का अहम भार आ गया है. विराट और रोहित के संन्यास के बाद बदलाव के दौर से गुज़र रही टीम इंडिया अपने सीनियर बल्लेबाजों की कमी को इंग्लैंड में पहली बार महसूस करेगी. ऐसे में यशस्वी की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है. कोच ज्वाला सिंह ने उन्हें यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वे अपनी क्रिकेट को स्मार्ट तरीके से खेलें, न कि ओवर-अग्रेसिव होकर ‘बैजबॉल’ की तरह शॉट्स खेलें. उन्होंने कहा कि, ‘यशस्वी को इंग्लैंड की कड़ी परिस्थितियों में सही तरीके से खेलना होगा. बादल और गीली पिचें उसे चैलेंज करेंगी और ऐसे में सिर्फ आक्रामकता से काम नहीं चलेगा.’
सेंसिबल क्रिकेट का महत्व
कोच ज्वाला सिंह ने यशस्वी को चेतावनी दी कि उन्हें ‘सेंसिबल क्रिकेट’ खेलना होगा, जो इंग्लैंड की परिस्थितियों के हिसाब से उचित हो. यह न केवल इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाजों से जूझने में मदद करेगा, बल्कि उन्हें टीम के लिए अधिक स्थिरता और रन भी बनाने का मौका देगा. ज्वाला सिंह ने अपनी सलाह देते हुए कहा कि, ‘बचपन से ही यशस्वी ने जिस तरह से अपनी जिम्मेदारी निभाई है, मुझे पूरा विश्वास है कि वह टीम के लिए अहम साबित होगा. वह उन सीनियर खिलाड़ियों की तरह ही टीम में अहम योगदान देगा, जिनकी भूमिका भारतीय क्रिकेट में हमेशा अहम रही है, जैसे सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और विराट कोहली.’
बड़ी जिम्मेदारी के साथ बड़ा बोझ
बताने की ज़रूरत नहीं कि रोहित शर्मा और विराट कोहली के बिना टीम इंडिया की बल्लेबाजी काफी कमज़ोर हो गई है. ऐसे में ओपनिंग जोड़ी के तौर पर केएल राहुल के साथ यशस्वी पर खासा दबाव रहेगा. वहीं मिडेल ऑर्डर में शुभमन गिल और करूण नायर पर भी अतिरिक्त दबाव रहना तय है. ऐसे में यशस्वी को ज़रूरत से ज्यादा आक्रामकता दिखाने की उस गलती को दोहराने से बचना होगा तो ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उसे भारी पड़ी थी. कोच ज्वाला सिंह की मानें को इंग्लैंड में यशस्वी को तकनीक और परिपक्वता से खेलना होगा. जिससे वो जोश में अपने होश खोए बिना टीम इंडिया के लिए पारी संवारने का काम करें.
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