‘अदालत में ये सब नहीं चलता’, Asia Cup 2025 से पहले बढ़ी गौतम गंभीर की टेंशन, HC ने इस मामले में लगाई फटकार
Gautam Gambhir: टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर के लिए एशिया कप से पहले टेंशन बढ़ चुकी है. हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रहे एक मामले की कार्यवाही पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है. आइए आपको भी बताते हैं कि ये पूरा मामला क्या है...

Gautam Gambhir: टीम इंडिया इन दिनों एशिया कप 2025 की तैयारियों में जुटी हुई है. बतौर हेड कोच गौतम गंभीर के लिए ये टूर्नामेंट काफी अहम है. इसी बीच हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ एक ऐसा फैसला सुना दिया है, जिससे उनकी टेंशन बढ़ रही है. सोमवार को कोर्ट ने गंभीर, उनकी फाउंडेशन और परिवार पर चल रहे एक मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है. इसी के साथ कोर्ट में दलील पेश कर रहे उनके वकील को भी कोर्ट की तरफ से फटकार लगी है. आइए आपको भी बताते हैं कि ये पूरा मामला है क्या…
Delhi High Court Refuses to Stay Trial Against Gautam Gambhir in Drug Distribution Case https://t.co/NdM6nWUI4c
---Advertisement---— Neeraj Singh Mehta (@ImNeerMehta) August 25, 2025
कोविड 19 में दवाओं का अवैध भंडार मामला
साल 2021 में कोविड महामारी के दौरान गौतम गंभीर और उनकी फाउंडेशन के ऊपर आरोप लगा था कि वो वैध लाइसेंस के बिना कोविड दवाओं का भंडार और वितरण कर रहे थे. दिल्ली औषधि नियंत्रण विभाग ने इसके तहत गंभीर और उनकी फाउंडेशन के खिलाफ मामला दर्ज किया था. ट्रायल कोर्ट ने उनके खिलाफ कार्यवाही की बात कही थी और अब हाई कोर्ट ने भी इसको सही करार दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त के की जाएगी और तब तक के लिए हाई कोर्ट ने कार्यवाही पर रोक लगाने से साफ तौर पर मना कर दिया है.
गंभीर के वकील को लगी फटकार
गौतम गंभीर की तरफ से कोर्ट में वकील जय अनंत देहाद्रे थे. केस लड़ते हुए अदालत ने उनके लिए एक कड़ी बात कहते हुए फटकार लगाई. दरअसल, मामले की सुनवाई के दौरान वकील जय अनंत देहाद्रे ने कहा, उनके मुवक्किल न सिर्फ भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और सांसद हैं, बल्कि उन्होंने कोविड महामारी के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाइयां बांटकर लोगों की काफी मदद भी की थी. इस बात पर अदालत की तरफ से साफ कहा गया कि, “आप बार-बार नाम और पद ऐसे गिना रहे हैं जैसे कि इससे अदालत का फैसला बदल जाएगा. अदालत में ये सब नहीं चलता.”
दोषी पाए जाने पर मिलेगी ये सजा
गौतम गंभीर इस मामले में अगर दोष पाए जाते हैं तो उनको औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत 3-5 साल की सजा और जुर्माना भरना पड़ सकता है. गंभीर की फाउंडेशन में उनकी पत्नी और मां ट्रस्टी हैं.