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ENG vs IND: इंजरी रिप्लेसमेंट को लेकर गंभीर के बयान से सहमत नहीं हैं स्टोक्स, कह दी ये बात

ENG vs IND: चौथे टेस्ट में ऋषभ पंत के पैर में फ्रैक्चर के बाद इंजरी रिप्लेसमेंट पर बहस छिड़ गई है. कोच गौतम गंभीर ने इसका समर्थन किया है, जबकि इंग्लैंड कप्तान बेन स्टोक्स ने इसका गलत उपयोग की आशंका जताई है. पंत अंतिम टेस्ट से बाहर हो गए हैं. उनकी जगह पर एन जगदीशन को टीम में शामिल किया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

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ENG vs IND: मैनचेस्टर टेस्ट के पहले दिन टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज चोटिल हो गए थे. जिसके चलते वो अगले मुकाबले से बाहर हो गए हैं. उनकी जगह पर एक नए खिलाड़ी एन जगदीशन को टीम इंडिया में लाया गया है. बीच सीरीज नए खिलाड़ी के एंट्री ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है कि क्या सीरीज के दौरान इंटरनेशनल लेवल पर इंजरी रिप्लेसमेंट की इजाजत मिलनी चाहिए. हालांकि, इस सवाल का जवाब एक जैसा नहीं हो सकता है. जितने एक्सपर्स्ट से इस सवाल का जवाब मांग जाएगी, उतनी तरह की बात आएंगी. टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर सीरीज के बीच जहां इंजरी रिप्लेसमेंट का समर्थन कर रहे हैं तो वहीं इंग्लैंड के कप्तान इसके खिलाफ हैं. आइए जानते हैं दोनों इसको लेकर क्या कहा है.

मैनचेस्टर के मैदान पर हुई इस घटना ने क्रिकेट जगत में एक नई बहस को जन्म दे दिया कि क्या अब इंटरनेशनल क्रिकेट में इंजरी रिप्लेसमेंट की इजाजत मिलनी चाहिए?

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इंजरी रिप्लेसमेंट पर गंभीर ने क्या कहा?

मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब भारतीय कोच गौतम गंभीर से इस मुद्दे पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने खुलकर इसका समर्थन किया. उन्होंने कहा, ‘मैं पूरी तरह से इसके पक्ष में हूं. अगर अंपायर और मैच रेफरी को लगता है कि चोट गंभीर है तो रिप्लेसमेंट की अनुमति होनी चाहिए. खासकर ऐसी सीरीज में जो कांटे की टक्कर वाली हो. अगर हम 10 खिलाड़ियों के साथ खेलते तो यह हमारे लिए बहुत बड़ा नुकसान होता.’ गंभीर ने यह भी कहा कि यह नियम तभी लागू हो जब चोट दिख रही हो.

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गंभीर के बयान से सहमत नहीं हैं स्टोक्स

दूसरी ओर इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स गंभीर के इस बात से सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इंजरी रिप्लेसमेंट के नियम में कई कमियां होंगी, जिसका कोई भी टीम गलत उपयोग कर सकता है. स्टोक्स ने कहा, ‘यह सोचना ही वाहियात है. आप स्कैन में किसी भी खिलाड़ी को भेज दो, कोई न कोई सूजन या चोट दिख ही जाएगी और बहाना मिल जाएगा रिप्लेसमेंट का. इससे नियमों के साथ खिलवाड़ होगा.’

फर्स्ट क्लास क्रिकेट में मिल चुकी है हरी झंडी

उन्होंने कहा कि सिर की चोट को लेकर जो रिप्लेसमेंट की व्यवस्था है, वही बहुत है और खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिहाज से सही है. इससे आगे नहीं बढ़ना चाहिए. बता दें कि आईसीसी पहले ही प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इस नियम को हरी झंडी दे चुका है. कुछ देशों की घरेलू टूर्नामेंट में इसे इस साल से लागू किया जाएगा. अब देखना है कि इंटरनेशनल लेवल पर इसे मंजूरी मिलती है या नहीं.

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Written By

Vikash Jha


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