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WTC 2025 फाइनल होते ही आईसीसी ने टेस्ट क्रिकेट में बदल दिए ये 6 नियम, IND vs ENG सीरीज पर कितना असर?

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023-25 का फाइनल हाल ही में पूरा हुआ है और इसके बाद अब आईसीसी टेस्ट क्रिकेट के नियमों में बदलाव का मूड बना रही है. आइए आपको बताते हैं ऐसे 6 नियमों के बारे में जिनके बदलाव का असर सीधा असर आपको नजर आएगा. पढ़िए पूरी खबर

Test Cricket Rules Change
Test Cricket Rules Change

ICC new rules: क्रिकेट अब सिर्फ एक खेल तक ही सीमित नहीं रह गया और लोग इससे काफी ज्यादा जुड़े रहते हैं. ऐसे में अगर किसी नियम या तकनीकी खामी की वजह से किसी टीम को नुकसान उठाना पड़ता है तो इसका असर सीधा फैंस के बीच भी दिखाई देता है. इसी के चलते आईसीसी की तरफ से मैदान पर क्रिकेट के नियमों में समयानुसार बदलाव किए जाते हैं ताकी खामियों को दूर किया जा सके और खिलाड़ियों में खेल खेलने की भावना बनी रहे. रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 के फाइनल के बाद एक बार फिर से आईसीसी ने टेस्ट क्रिकेट के नियमों में बदलाव करने की तैयारी में है. ये नए नियम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 के चक्र में लागू किए जा सकते हैं. 17 जून से श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच सीरीज से नए चक्र की शुरुआत हो चुकी है तो वहीं दूसरी तरफ टीम इंडिया भी इंग्लैंड के दौरे पर है. तो चलिए आपको भी 8 नियम बताते हैं कि किन नियमों में बदलाव हो सकते है.

टेस्ट क्रिकेट में भी लागू होगा स्टॉप क्लॉक नियम

वनडे और टी20 के बाद अब आईसीसी स्टॉप क्लॉक नियम को टेस्ट क्रिकेट में लागू करने की तैयारी कर रहा है. इस नियम के तहत अब टेस्ट में भी गेंदबाजों को 60 सेकेंड के अंदर नया ओवर शुरू करना होगा. ऐसा नहीं हो पाने पर 2 बार अंपायर की तरफ से फील्डिंग टीम को टेतावनी दी जाएगी और तीसरी बार गलती दोहराने पर बल्लेबाजी टीम को 5 रन पेनल्टी के मिल जाएंगे. हर 80 ओवर के बाद इसे दोबारा से रिसेट किया जाएगा और फिर से फील्डिंग टीम को 2 चेतावनी दी जाएंगी.

गेंद पर थूक लगाना पड़ सकता है भारी

गेंदबाजों के लिए गेंद पर थूक लगाना अभी भी बैन ही रहेगा. इस नियम में बदलाव के तहत अब ये हुआ है कि अंपायर को अब गेंद तुरंत बदलने की जरूरत नहीं होगी. अगर गेंद की शेप में किसी तरह का कोई बदलाव हुआ है या फिर गेंद सही नहीं है तो ऐसी स्थिति में अंपायर गेंद बदलने का फैसला ले सकता है. इस फैसला पूरी तरह से अंपायर के ऊपर ही निर्भर करेगा. अगर अंपायरिंग करने वाली टीम ऐसा जानबूझकर ऐसा करती है तो बल्लेबाजी करने वाली टीम को इसके लिए 5 रन पेनल्टी के तौर पर भी दिए जा सकते हैं.

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DRS के नियमों में भी बदलाव

अगर किसी बल्लेबाज को अंपायर ने कैच आउट करार कर दिया है और वो इसके लिए रिव्यू लेता है. थर्ड अंपायर इसे चेक करेगा और एज नहीं पाए जाने पर एलबीडब्ल्यू की जांच भी की जाएगी. बॉल-ट्रैकिंग ग्राफिक में अगर बल्लेबाज आउट होता है तो उसे आउट करार दिया जाएगा. अभी तक ऐसा नहीं होता था और एलबीडब्ल्यू के लिए डिफॉल्ट फैसला नॉट आउट होता था.

मल्टीपल अपील में कैसे लिया जाएगा फैसला?

अगर एक ही गेंद पर कोई टीम एलबीडब्लू और रन आउट के लिए अपील करती है तो अंपायर पहले चेक करेगा कि कौन सी घटना पहले घटी है. ऐसे में अगर एलबीडब्लू पहले हुआ है और रन आउट बाद में तो एलबीडब्ल्यू की जांच पहले की जाएगी और अगर बल्लेबाज आउट पाया जाता है तो उसे वापसी पवेलियन जाना होगा. रन आउट की इसके बाद कोई जांच नहीं की जाएगी.

नो बॉल पर फेयर कैच की भी होगी जांच

अगर कोई खिलाड़ी कैच आउट हो जाता है और गेंद नो बॉल होती है तो ऐसे में अब टीवी अंपायर कैच की जांच भी करेगा. अगर कैच सही पाया जाता है तो बल्लेबाजी टीम को नो बॉल का एक रन दिया जाएगा नहीं तो बल्लेबाज जितने रन दौड़ के लेंगे उन्हें स्कोरबोर्ड में जोड़ दिया जाएगा.

शॉर्ट रन लेने पर लगेगी पेनल्टी

अगर बल्लेबाज जानबूझकर शार्ट रन लेने की कोशिश करता हुआ पाया जाता है तो ऐसी स्थिति में फील्डिंग टीम ये चुन सकती है कि अगली गेंद पर स्ट्राइक कौन सा बल्लेबाज लेगा. इसी के साथ ये सब काम अंपायर की निगरानी में होगा और 5 रन की पेनल्टी लगेगी.

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Written By

Nikhil Shukla


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