लॉर्ड्स की अनसुनी कहानी, आखिर क्यों पूरी दुनिया में सबसे खास है ये स्टेडियम? मालिक का नाम भी जान लीजिए
दुनियाभर में हर क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी की पसंद लॉर्ड्स के मैदान पर खेलने की होती है. ये मैदान देखने में जितना खूबसूरत है उचना ही प्राचीन इसका इतिहास भी रहा है. इसके पीछे की कहानी आपको हैरान कर देगी. पढ़िए पूरी खबर

भारत और इंग्लैंड की टेस्ट सीरीज के बीच एक बार फिर से ऐतिहासिक क्रिकेट ग्राउंड लॉर्ड्स सुर्खियां बटोर रहा है. इस मैदान पर खेलना हर एक खिलाड़ी का सपना बन चुका है. ये मैदान अपने आप में ही क्रिकेट के इतिहास को समेटे बैठा है. इस मैदान को ऐतिहासिक तो माना ही जाता है साथ ही इसकी खूबसूरती भी क्रिकेट प्रशंसकों को अपना दीवाना बनाए हुए है. आमतौर पर क्रिकेट के स्टेडियम को गोल बनाया जाता है ताकि बाउंड्री हर तरफ से बराबर रखी जा सके लेकिन इस मैदान का आकार न तो गोल है और न ही ओवल. साथ ही मैदान में ढलान है. इस मैदान को आजतक बदलने की कोशिश तक नहीं की गई है. आखिर क्यों इसे इतना खास माना जाता है और इस मैदान का मालिकाना हक किसके पास है. आइए आपको बताते हैं.
Lords dump.
Test cricket at its absolute peak in one of the finest cricket stadium. pic.twitter.com/UdU3KyDxeM---Advertisement---— qasimm (@ethanoatee) June 12, 2025
सबसे ज्यादा आईसीसी फाइनल होस्ट करने रिकॉर्ड
लॉर्ड्स के इस मैदान पर अब तक सबसे ज्यादा बार आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले खेले गए हैं. शुरूआती तीनों वनडे विश्व कप के फाइनल मुकाबले इसी मैदान पर खेले गए थे. इसके बाद साल 1999 और 2019 का वनडे विश्व कप भी इसी मैदान पर खेला गया था. इसके अलावा साल 2009 का टी20 विश्व कप फाइनल का आयोजन भी इसी मैदान पर किया गया था. हाल ही में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला भी लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर ही खेला गया था जिसमें साउथ अफ्रीका चैंपियन बनी थी.
लॉर्ड्स के मैदान का मालिक कौन?
लॉर्ड्स का ये मैदान जो हम सबके सामने है इसका उद्घाटन 22 जून 1814 को किया गया था. इस मैदान पर पहला मुकाबला मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब और हर्टफोर्डशर के बीच खेला गया था. क्रिकेट के इस खूबसूरत मैदान में लगभग 31 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है. 1884 में पहली बार इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच इस मैदान पर इंटरनेशनल मैच खेला गया था.
इस मैदान पर मालिक की बात करें तो स्टेडियम को यॉर्कशायर के क्रिकेटर थॉमस लॉर्ड ने बनवाया था. फिलहाल इस स्टेडियम का मालिकाना हक मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) के पास है और इस मैदान के सभी नियम इसी क्लब के द्वारा बनाए जाते हैं. साल 1788 में पहली बार क्लब की तरफ से क्रिकेट को लेकर नियम जारी किए जाते हैं.