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इंग्लैंड दौरे पर तेज़ गेंदबाज़ों के नए ‘पंजे’ के साथ खेलेगी टीम इंडिया, नए चेहरे को मिल सकता है मौका!

टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. रोहित शर्मा के टेस्ट से संन्यास के बाद 5 टेस्ट की इस अहम सीरीज़ में टीम का कप्तान कौन होगा, खिलाड़ी कौन-कौन से चुने जाएंगे? ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब फैंस जानना चाहते हैं. इसी बीच खबर है कि इंग्लैंड दौरे पर एक बार फिर टीम इंडिया के तेज़ गेंदबाज़ों के 'पंजे' में बदलाव हो सकता है. पढ़ें पूरी खबर …

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टीम इंडिया का इंग्लैंड दौरा हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है, खासकर तेज़ गेंदबाज़ों के लिहाज़ से. इंग्लैंड की परिस्थितियां स्विंग और सीम मूवमेंट के लिए जानी जाती हैं. ऐसे में वहां स्पिन से ज़्यादा तेज़ गेंदबाज़ों का रोल अहम हो जाता है. हैरानी नहीं कि इस बार भी 20 जून से शुरू हो रहे टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज़ में तेज़ गेंदबाज़ों की भूमिका सबसे निर्णायक होगी. ऑस्ट्रेलिया में पिछली टेस्ट सीरीज़ में भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों का प्रदर्शन मिला जुला रहा था. जहां जसप्रीत बुमराह तो सुपर फॉर्म में थे, लेकिन गेंदबाज़ी में उन्हें सही जोड़ीदार ना मिल पाना भारतीय टीम की हार के कई कारणों में से एक कारण रहा. हैरानी नहीं कि इंग्लैंड सीरीज़ के लिए एक बार फिर सेलेक्टर्स अपनी इसी कमज़ोर कड़ी को कसना चाहते हैं.

तेज़ गेंदबाज़ों का बदलेगा ‘पंजा’

हर्षित राणा और नीतीश रेड्डी जैसे फास्ट बोलिंग ऑलराउंडर्स को छोड़ दिया जाए तो पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर, टीम इंडिया ने अलग-अलग मैचों को मिलाकर 5-5 स्पेशलिस्ट तेज़ गेंदबाज़ खिलाए. जिनमें जसप्रीत बुमराह के अलावा मोहम्मद सिराज, आकाशदीप सिंह, मुकेश कुमार और प्रसिद्ध कृष्णा को मौका दिया गया. लेकिन फिर भी भारत को वैसा नतीजा नहीं मिला जैसा टीम इंडिया चाहती थी. हैरानी नहीं कि सेलेक्शन कमेटी अब आगामी इंग्लैंड दौरे पर तेज़ गेंदबाज़ों के इस ‘पंजे’ में बदलाव कर सकती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक जहां इंग्लैंड दौरे पर मो. शमी की टेस्ट टीम में वापसी तय है तो वहीं अर्शदीप सिंह भी अपने टेस्ट डेब्यू की रेस में आ गए हैं.

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अर्शदीप सिंह पर सबकी निगाहें

दरअसल सेलेक्टर्स के अलावा टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर की नजरें बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ अर्शदीप सिंह पर कई वजहों से टिकी है. अर्शदीप ने अब तक व्हाइट बॉल क्रिकेट (वन-डे और टी20) में शानदार प्रदर्शन किया है. वो नई और पुरानी दोनों गेंद से गेंदबाज़ी कर सकते हैं. व्हाइट बॉल क्रिकेट में तो वो डेथ ओवर में भी विकेट लेने की खासियत रखते है. इसके अलावा IPL 2025 में भी उन्होंने गज़ब की फॉर्म दिखाते हुए अब तक 12 मैच में 16 विकेट लिए हैं. अर्शदीप का ये प्रदर्शन उन्हें टेस्ट टीम में जगह दिलाने की दावेदारी में मज़बूत कर गया है.

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बाएं हाथ का विकल्प ‘तुरुप का इक्का’

इंग्लैंड में यूं तो सभी तेज़ गेंदबाज़ों के लिए कंडीशंस मददगार होती हैं लेकिन अक्सर बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ों को वहां अतिरिक्त स्विंग और एंगल का फायदा मिलता है. अर्शदीप के पास यही विशेषता है जो उन्हें बाकी गेंदबाज़ों से अलग बनाती है. वो पहले ही इंग्लैंड की काउंटी क्रिकेट में खेल चुके हैं, जिससे उन्हें वहां की पिचों और मौसम की अच्छी समझ है. इस अनुभव के चलते वह विदेशी सरजमीं पर तेज़ गेंदबाज़ी में विविधता और नियंत्रण ला सकते हैं. वहीं मो. शमी की चोट से वापसी और मो. सिराज की टेस्ट में जूझती फॉर्म भी सेलेक्टर्स के लिए चिंता खड़ी कर चुकी है. इसके अलावा जसप्रीत बुमराह को लगातार पांच टेस्ट खिलाने का जोखिम भी टीम शायद ही लेना चाहेगी. ज़ाहिर तौर पर तेज़ गेंदबाज़ी में नई ऊर्जा और विकल्प की जरूरत अर्शदीप सिंह की लॉटरी लगा सकती है.

अर्शदीप का टेस्ट सपना

अर्शदीप सिंह खुद भी टेस्ट क्रिकेट खेलने का सपना लंबे समय से देख रहे हैं. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अर्शदीप ने अब तक 21 मैचों में 66 विकेट लिए हैं. कहना गलत नहीं होगा कि अगर अर्शदीप को इंग्लैंड दौरे पर मौका मिलता है, तो वे भारत के लिए एक संतुलित और असरदार विकल्प होने के साथ-साथ जीत की नई कहानी लिखने में भी अपना योगदान निभा सकते हैं.

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Written By

Rishabh Sharma


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