टीम इंडिया को 2011 में वर्ल्ड कप जिताने वाले कोच गैरी कर्स्टन ने माना कि पाकिस्तान में कोचिंग करते ही उन्हें एहसास हो गया था कि ये सफर छोटा रहने वाला है. उन्होंने बताया कि उन्हें शुरुआत में ही लग गया था कि यहां क्रिकेट कम, राजनीति ज़्यादा चलती है. दरअसल अपने इंटरव्यू में कर्स्टन ने बताया कि PCB के सिस्टम में कोच की कोई अहमियत नहीं थी. फैसले बाहर से लिए जाते थे. उन्हें ऐसी टीम थमा दी गई जिसे चुनने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी. उन्होंने दो टूक कहा, ‘मैं एजेंडा लेकर नहीं आया था, सिर्फ क्रिकेट चाहता था. लेकिन जब सिस्टम के अहम लोगों का ही इतना दखल हो तो नतीजा हासिल करना नामुमकिन है.’
Gary Kirsten opened up about his brief stint with Pakistan, admitting that external interference made it difficult to lead effectively, while he praised the Pakistan players as great guys.#GaryKirsten #Coach #Pakistan #Cricket #News #ZalmiTV pic.twitter.com/0frrcv8Isw
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मुझे हकीकत जल्द पता लग गई
कर्स्टन ने PCB के तरीकों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट में ऐसा ढांचा ही नहीं है जिसमें कोई कोच सही मायनों में कुछ बदल सके. उन्होंने कहा, ‘मैंने बहुत जल्दी समझ लिया कि इस सिस्टम में मेरी कोई भूमिका नहीं रहने वाली. क्रिकेट टीमों को क्रिकेट समझने वाले लोगों द्वारा चलाया जाना चाहिए.’
‘पाक खिलाड़ियों से कोई नाराज़गी नहीं’
गैरी कर्स्टन ने साफ किया कि PCB से दूरी बनाने के बावजूद पाकिस्तानी खिलाड़ियों के लिए उनके दिल में आज भी सम्मान और स्नेह है. उन्होंने कहा, ‘अगर माहौल पेशेवर हो और बिना दखल के काम करने दिया जाए, तो मैं खिलाड़ियों के लिए वापसी भी कर सकता हूं.’
पाक क्रिकेट का सिस्टम नहीं बदलेगा!
आपको बता दें कि कर्स्टन के जाने के बाद जैसन गिलेस्पी ने भी पीसीबी के रवैये से तंग आकर इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद अस्थाई कोच आक़िब जावेद और अब नए कोच माइक हेसन की नियुक्ति हुई है. लेकिन सवाल अब भी वही है, ‘क्या PCB कोचों को काम करने देगा?’
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