IPL 2026: आखिर क्या है IPL Trade Window? जिसके जरिए केएल राहुल-संजू सैमसन बदल सकते हैं अपनी टीम
IPL Trade Window: आईपीएल 2026 से पहले कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि संजू सैमसन और केएल राहुल अपनी टीम को बदल सकते हैं. टीमें इन दोनों खिलाड़ियों को ट्रेड कर सकती हैं. यहां जानिए आखिरी क्या है ट्रेड विंडो और ये काम कैसे करती है?

What is IPL Trade Window: इंडियन प्रीमियर लीग के 19वें सीजन यानी आईपीएल 2026 की शुरुआत होने में अभी काफी समय बचा है, लेकिन इससे पहले खिलाड़ियों ट्रेडिंग को लेकर काफी चर्चाएं चल रही हैं. कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि संजू सैमसन राजस्थान रॉयल्स को छोड़कर चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा बन सकते हैं, तो वहीं दिल्ली कैपिटल्स के केएल राहुल को कोलकाता नाइट राइडर्स अपनी टीम में शामिल कर सकती है.
ऐसे में अब सवाल उठता है कि ये सब हो कैसे रहा है? यानी बिना ऑक्शन के खिलाड़ी टीम कैसे बदल सकते हैं? तो इसका जवाब है ‘ट्रेड विंडो’. आईपीएल टीमें ट्रेड विंडो के जरिए खिलाड़ियों को अपनी टीम में शामिल कर सकती है. तो आइए आपको बताते हैं क्या है IPL ट्रेड विंडो और उसके नियम-कायदे.
क्या है IPL ट्रेड विंडो?
आईपीएल ट्रेड विंडो एक समय होता है, जिसमें टीमें अपने खिलाड़ियों को आपस में बदल सकती हैं. इससे सभी 10 फ्रेंचाइजियों को अपनी टीम को मजबूत बनाने का मौका मिलता है. इस दौरान टीमें उन खिलाड़ियों को छोड़ सकती हैं, जो उनके प्लान में फिट नहीं बैठते और जिनकी उन्हें जरूरत है, उन्हें टीम में शामिल कर सकती हैं. ये ट्रेड विंडो हमेशा ऑक्शन से पहले सभी टीमों के लिए खुल जाती है.
🚨 KKR KEEN TO GET KL Rahul. 🚨
– KKR are looking to have KL on board via trade deal. (Gaurav Gupta). pic.twitter.com/HfwVtvjTQR---Advertisement---— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) July 31, 2025
ट्रेड विंडो कब खुलती है?
ट्रेड विंडो सीजन खत्म होने के 7 दिन बाद से लेकर ऑक्शन के 7 दिन पहले तक खुली रहती है. इस दौरान सभी टीमें एक-दूसरे से खिलाड़ी बदल सकती हैं. लेकिन एक जरूरी बात यह है कि ऑक्शन के ठीक बाद किसी नए खरीदे गए खिलाड़ी को तुरंत ट्रेड नहीं किया जा सकता. सीजन के बाद ही उसे दूसरी टीम में भेजा जा सकता है.
ट्रेडिंग के तरीके
IPL ट्रेड विंडो में खिलाड़ियों की ट्रेडिंग तीन तरीकों से हो सकती है, जिसमें ऑल कैश डील, प्लेयर-फॉर-प्लेयर डील और आपसी समौझता शामिल है.
1. ऑल कैश डील
अगर एक टीम को दूसरे किसी टीम का कोई खिलाड़ी चाहिए, तो उन्हें उस खिलाड़ी की वही कीमत देनी होगी, जितनी में वो पहले खरीदा गया था. जैसे अगर किसी खिलाड़ी को 15 करोड़ में खरीदा गया था, तो उतनी ही रकम देकर दूसरी टीम उसे ले सकती है.
2. प्लेयर-फॉर-प्लेयर डील
कोई ही टीमें आपसी सहमति से अपने-अपने खिलाड़ी बदल लेती हैं. अगर दोनों की कीमतें बराबर हैं, तो पैसे की कोई जरूरत नहीं होती. लेकिन अगर किसी एक खिलाड़ी की कीमत ज़्यादा है, तो उस हिसाब से पैसे दिए जाते हैं.
3. आपसी समौझता
कभी-कभी टीमें आपस में बैठकर खिलाड़ी की कीमत तय कर लेती हैं और उसी पर डील कर लेती हैं. ये कीमत पब्लिक नहीं की जाती.
IPL ट्रेडिंग के कुछ जरूरी नियम
- ऑक्शन में खरीदे गए खिलाड़ी ट्रेड नहीं किए जा सकते हैं.
- किसी भी खिलाड़ी को ट्रेड करने से पहले उसकी सहमति जरूरी होती है.
- यदि किसी विदेशी खिलाड़ी का ट्रेड किया जा रहा है, तो फ्रेंचाइजी को संबंधित क्रिकेट बोर्ड से NOC लेना होगा.
- एक ट्रेड विंडो में कोई खिलाड़ी सिर्फ एक बार ही ट्रेड किया जा सकता है.
- अगर एक महंगे खिलाड़ी को सस्ती टीम में भेजा जा रहा है, तो खरीदने वाली टीम को अंतर की रकम चुकानी होती है.
- अगर एक से ज्यादा फ्रेंचाइजी किसी खिलाड़ी में रुचि रखती हैं, तो वह बेचने वाली फ्रेंचाइजी के साथ बातचीत कर सकती है. इस स्थिति में, बेचने वाली फ्रेंचाइजी अन्य फ्रेंचाइजियों की बोलियां स्वीकार कर सकती है, बशर्ते खिलाड़ी सहमत हो.