हिंदी भाषा में एक लोकप्रिय कहावत है कि, ‘जैसा खाओगे अन्न वैसा होगा मन’. इसका सीधा सा मतलब ये है कि हम जैसा खाना खाते हैं उससे हमारे मन और मस्तिष्क प्रभावित होते हैं. वैज्ञानिक तौर पर भी इस कहावत को सच माना गया है. स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी देखा जाए तो हमारा खाना-पीना हमारी सेहत को सीधा प्रभावित करता है. इसी बीच दुबई में खेली जा रही चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया के लिए लंबे अरसे के बाद पुराने तेवर दिखा रहे तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी ने इस कहावत को अपनी ज़िंदगी में पूरी तरह अमल में ला दिया है.
शमी की फिटनेस बनी मिसाल
बांग्लादेश के खिलाफ पिछले मैच में शानदार गेंदबाज़ी करने वाले मोहम्मद शमी आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में काफी फिट नज़र आ रहे हैं. जहां उन्होंने अपना काफी वजन कम किया है तो वहीं चोट के बाद हुई वापसी में उनकी फिटनेस पहले से भी ज्यादा बेहतर दिख रही है. हैरानी नहीं शमी की बदली फिटनेस के हर तरफ चर्चे हो रहे हैं. वैसे खुद मोहम्मद शमी ने भी अपनी फिटनेस को लेकर हुए इस कायाकल्प का खुलासा एक इंटरव्यू में किया है.
मोहम्मद शमी ने क्या कहा?
शमी ने इस इंटरव्यू में बताया है कि, ‘2023 के बाद जब मैं क्रिकेट पिच से दूर हो गया था तो मेरा वजन काफी बढ़ गया था, 14 महीने तक क्रिकेट से दूर रहना आसान नहीं था. क्रिकेट में वापस पहले जैसी फिटनेस हासिल करने के लिए रिहैब में मैंने जमकर मेहनत की और करीब 9 किलो वजन कम किया है.’
आईसीसी इवेंट्स के हैं मैच विनर
मोहम्मद शमी आईसीसी इवेंट्स में भारतीय टीम के तेज़ गेंदबाज़ी डिपार्टमेंट में तुरूप का इक्का साबित होते रहे हैं. 2023 वर्ल्ड कप में भी उन्होंने भारत के लिए शानदार गेंदबाज़ी करते हुए टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 24 विकेट लिए थे. इसी वर्ल्ड कप के फाइनल के बाद उन्हें खिंचती चली आ रही पुरानी एड़ी की चोट की सर्जरी भी करानी पड़ी.
फिटनेस के लिए रखते हैं अनुशासन
शमी के मुताबिक अपनी फिटनेस बनाए रखने के लिए वो अपने रहन-सहन और खाने-पीने की आदतों में भी काफी अनुशासन बनाए रखते हैं, शमी ने मुताबिक कई सालों से वो दिन में सिर्फ एक बार ही भोजन करते हैं। ‘2015 के बाद मैं दिन में सिर्फ एक बार ही भोजन करता हूं जिसमें रात का खाना शामिल है, ना तो नाश्ता और ना ही दोपहर का भोजन. मैं मिठाइयों से हमेशा दूरी बनाए रखता हूं. ऐसा करना थोड़ा मुश्किल दिखता है लेकिन एक बार आपको इसकी आदत हो जाती है तो ये आसान हो जाता है.
फिर 24 साल के दिख रहे हैं शमी
34 साल के मो. शमी की फि्टनेस आज किसी 24 साल के युवा गेंदबाज़ जैसी दिख रही है. आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में जसप्रीत बुमराह की गैर-मौजूदगी में भारत के सबसे अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ हैं. बांग्लादेश के खिलाफ मैच में 5 विकेट लेने के साथ ही शमी भारत के लिए वन-डे क्रिकेट में सबसे तेज़ 200 विकेट लेने वाले गेंदबाज़ भी बन गए हैं.
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