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पूर्व भारतीय कप्तान मिताली राज का चौंकाने वाला खुलासा, 1-1 हज़ार के लिए खेलती थी मैच, वर्ल्ड कप में क्यों मिले बस 8 हज़ार?

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज ने एक इंटरव्यू में बड़ा खुलासा करते हुए कई बड़ी बातें बताई हैं. उन्होंने महिला क्रिकेटर्स के स्ट्रगल के बारे में बताया कि पहले हर एक मैच के लिए केवल 1 हजार रुपये दिए जाते थे. पढ़िए पूरी खबर

Mithali Raj
Mithali Raj

भारत में क्रिकेट की दीवानगी लोगों के सिर चढ़कर बोलती है. हर गली कूचे में लोग क्रिकेट खेलते हुए दिख ही जाते हैं लेकिन ये पॉपुलेरिटी केवल मेन्स क्रिकेट तक ही सीमित थी. मैच फीस से लेकर सुख सुविधा के हर मामले मेन्स टीम को ही आगे रखा जाता था. ये जानकर आप चौंक जाएंगे कि एक समय पर भारतीय महिला टीम की खिलाड़ियों को एक मैच खेलने के लिए केवल 1 हजार रुपये मिलते थे तो वहीं पूरा विश्व कप खेलने पर महज 8 हजार. इस बात का सनसनीखेज खुलासा भारतीय महिला टीम की कप्तान मिताली राज ने खुद किया है. 

मिताली राज ने किया बड़ा खुलासा

लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने महिला और पुरुष क्रिकेट में हुए बदलाव को लेकर बड़ी बातें बताई हैं. उन्होंने साफ किया कि, “महिला क्रिकेट टीम का किसी तरह का कोई एनुअल कॉन्ट्रैक्ट नहीं था. बाद में जब महिला क्रिकेट भी बीसीसीआई के अंडर में आया तो बदलाव हुए और एनुअल कॉन्ट्रैक्ट मिला. इसी के साथ महिला खिलाड़ियों को कोई मैच फीस भी नहीं मिलती थी. साल 2005 में जब टीम विश्व कप के फाइनल में अपनी जगह बनाई थी तो उसमें खिलाड़ियों को हर एक मैच के लिए 1000 रुपये दिए गए थे. हमने 8 मैच खेले थे तो हमें 8 हजार रुपये दिए गए थे.”

बीसीसीआई ने किए बड़े बदलाव

बीते कुछ सालों में बीसीसीआई ने इसे लेकर अहम कदम उठाए हैं जिसके बाद महिला और पुरुष खिलाड़ियों से स्थिति को समान किया गया है. आगे उन्होंने कहा, “पहले खेल में पैसा नहीं था इसलिए मैच फीस नहीं मिलती थी. बीसीसीआई के अंडर आने के बाद धीरे धीरे चीजें शुरू हुईं. कुछ साल पहले ही महिला और पुरुष क्रिकेटर्स की फीस समान हुई है. अब एक टेस्ट खेलने के 15 लाख, वनडे खेलने के लिए 6 लाख तो वहीं टी20 के लिए 3 लाख रुपये दिए जाते हैं.”

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मिताली राज का शानदार क्रिकेट करियर

साल 1999 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने वाली मिताली राज को 2004 में टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया था. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को कई बड़े मुकाम हासिल करवाए. भारत की वो इकलौती महिला क्रिकेटर हैं जिनकी कप्तानी में टीम ने 2 बार साल 2005 और साल 2017 विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई. इसी के साथ उन्होंने अपने करियर के दौरान कई ऐतिहासिक रिकॉर्ड अपने नाम किए.

महिला वनडे इंटरनेशनल में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाजी हैं. उनके नाम 232 वनडे मैचों में 50 से ज्यादा की औसत से 7805 रन दर्ज हैं. इसी के साथ सबसे ज्यादा वनडे मैचों में टीम के लिए कप्तानी, वनडे में सबसे ज्यादा अर्धशतक, वनडे में शतक लगाने वाली सबसे युवा खिलाड़ी, महिला टी20 इंटरनेशनल में सबसे पहले 2 हजार रन पूरा करने वाली भारतीय जैसे कई अनगिनत रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज हैं. वो ऐसी पहली भारतीय महिला क्रिकेटर हैं जिन्हें खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.

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Written By

Nikhil Shukla


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