यशस्वी जायसवाल ने घरेलू क्रिकेट में मुंबई को छोड़ते हुए गोवा के लिए खेलने का फैसला किया है. बोर्ड की तरफ से उनको इसके लिए मंजूरी भी मिल चुकी है. अगले डॉमेस्टिक सीजन में जायसवाल गोवा की कप्तानी करते हुए भी दिख सकते हैं. मुंबई की टीम घरेलू क्रिकेट में सबसे सफल टीमों में से है. ऐसे में उनका ये फैसला हर किसी के लिए चौंकाने वाला था. अचानक आए उनके इस फैसले ने हर किसी को हैरान कर दिया. अब उनके मुंबई छोड़ने को लेकर बड़ी हैरान कर देने वाली बात सामने आ रही है. खबरों की मानें तो उनकी मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे से बन नहीं रही थी, जिसके चलते उन्हें ये फैसला लेना पड़ा.
🚨 JAISWAL QUITS MUMBAI. 🚨
– Yashasvi Jaiswal has decided to change his state team from Mumbai to Goa. (Express Sports). pic.twitter.com/NSX5HvH8hC---Advertisement---— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) April 2, 2025
रहाणे और जायसवाल के रिश्तों में तकरार
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे और यशस्वी जायसवाल के रिश्ते ठीक नहीं हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2022 से दोनों के बीच तकरार शुरू हुई. वेस्ट जोन की कप्तानी करते हुए रहाणे ने जायसवाल को साउथ जोन के खिलाड़ी रवि तेजा को ज्यादा स्लेजिंग करते देख मैदान से बाहर भेज दिया था.
YASHASVI JAISWAL ABOUT THE GOA MOVE: [@pdevendra from Express Sports]
“It was a very tough decision for me – Whatever I am today is because of Mumbai – The city has made me who I am, and all my life, I will be indebted to the MCA – Goa has thrown me a new opportunity and it has… pic.twitter.com/z0Ab13BlTf---Advertisement---— Johns. (@CricCrazyJohns) April 2, 2025
इसके अलावा कप्तान रहाणे और टीम के कोच ओमकार साल्वे ने जायसवाल के कमिटमेंट पर भी सवाल खड़े किए थे. उन्होंने मुंबई के लिए अपना आखिरी मुकाबला जम्मू कश्मीर के खिलाफ जनवरी में खेला था. इस दौरान गुस्से में उन्होंने रहाणे के किट बैग को पैर भी मारा था.
मुंबई छोड़ने के बाद क्या बोले जायसवाल
मुंबई छोड़ने के बाद अब यशस्वी जायसवाल अगले घरेलू सीजन में गोवा की तरफ से खेलते हुए नजर आएंगे. उन्होंने इस फैसले को काफी मुश्किल बताया और कहा कि वो जो कुछ भी हैं मुंबई की वजह से ही हैं और इसके लिए वो एमसीए के ऋणी रहेंगे. वो कहते हैं, ‘गोवा ने मुझे एक नई संभावना दी है और इसने मुझे एक नेतृत्व (कप्तान) की भूमिका दी है. मेरा पहला लक्ष्य भारत के लिए अच्छा प्रदर्शन करना होगा और जब मैं वहां नहीं बोलूंगा, तो मैं गोवा के लिए खेलूंगा. यह एक संभावना थी जो मेरे रास्ते में आई और मैंने इसे बस ले लिया.’
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