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Sir Don Bradman की वो ऐतिहासिक पारी, जिसने बदल दिया था टेस्ट क्रिकेट का इतिहास

साल 1930 में सर डॉन ब्रैडमैन ने इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में ट्रिपल सेंचुरी लगाई थी. उनकी ये पारी सिर्फ स्कोरबोर्ड पर अंक नहीं थी, यह एक मानसिक और शारीरिक धैर्य का भी प्रमाण था. एक युवा बल्लेबाज ने यह दिखाया था कि टेस्ट क्रिकेट सिर्फ बचाव का नाम नहीं, बल्कि आक्रमण और तकनीक का संतुलन भी है. पढ़ें पूरी खबर..

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Don Bradman: क्रिकेट इतिहास में अगर किसी एक बल्लेबाज की बात की जाए जिसने इस खेल की परिभाषा ही बदल दी, तो वो नाम है सर डॉन ब्रैडमैन और अगर उस नाम से जुड़ी सबसे बड़ी क्रिकेट पारी को तलाशें तो 11 जुलाई 1930 को लीड्स के मैदान पर खेली गई उनकी 334 रनों की पारी सबसे ऊपर आती है, जो उनकी सबसे बड़ी टेस्ट पारी रही. उस समय उनकी ट्रिपल सेंचुरी ने क्रिकेट जगत में खलबली मचा दी थी.

एशेज की गर्मी में युवा विस्फोट

1930 की एशेज सीरीज में ब्रैडमैन ने पहले ही दो शतक लगा दिए थे, लेकिन लीड्स टेस्ट में जो हुआ, वह किसी सपने से कम नहीं था. 21 साल के ब्रैडमैन ने 448 गेंदों में 334 रन बनाए, जिनमें 46 चौके शामिल थे. सबसे खास बात ये थी उन्होंने अपनी पारी के दौरान एक भी छक्का नहीं लगाया था. यह इस बात का उदाहरण है कि कैसे तकनीक, धैर्य और नियंत्रित आक्रामकता का संयोजन एक बल्लेबाज को अमर बना सकता है.

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ऑस्ट्रेलिया का पहाड़ जैसा स्कोर

ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था. शुरुआती विकेट जल्दी गिर गए थे, अर्ची जैक्सन सिर्फ 1 रन पर आउट हो गए, और फिर कप्तान बिल वुडफुल 50 रन बनाकर पवेलियन लौटे. लेकिन इसके बाद बल्लेबाजी करने आए ब्रैडमैन ने खेल को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में ले लिया था. उनकी पारी में किसी तरह की घबराहट नहीं थी. उन्होंने तेज गेंदबाज लारवुड को भी सहजता से खेला और स्पिनर टाइडस्ले की गेंदों को भी बाउंड्री के पार भेजा. उनके साथ एलन किपैक्स ने भी 77 रनों की अहम साझेदारी की, लेकिन इस पारी का मूल स्तंभ अकेले ब्रैडमैन ही थे.

ऑस्ट्रेलिया ने 168 ओवरों में 566 रन बनाए थे, जिसमें से अकेले ब्रैडमैन के खाते में 334 रन आए. ये किसी एक खिलाड़ी के लिए असाधारण योगदान था.

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ब्रैडमैन की तकनीक और मानसिकता

ब्रैडमैन की इस पारी में सबसे बड़ी बात थी उनका मैदान पर ध्यान लगाकर खेलना. उन्होंने गेंद की लाइन और लेंथ को इतनी जल्दी पढ़ा, जितनी सहजता शायद ही उस समय किसी बल्लेबाज में देखने को मिलती थी. उनकी स्ट्राइक रेट 74.55 रही, जो उस दौर में लगभग अविश्वसनीय थी, खासकर तब जब विकेट धीमा था और इंग्लैंड की गेंदबाजी में टेट, लारवुड और गीरी जैसे खतरनाक नाम शामिल थे.

इंग्लैंड की जवाबी कोशिश

इंग्लैंड ने पहली पारी में 391 रन बनाए, जिसमें वॉली हैमंड के 113 रनों की खास भूमिका रही. लेकिन फॉलोऑन के बाद इंग्लैंड दूसरी पारी में सिर्फ 95/3 तक ही खेल सका और मैच ड्रॉ घोषित कर दिया गया. हालांकि मैच ड्रॉ रहा, लेकिन पूरी दुनिया के लिए इस टेस्ट की सबसे बड़ी खबर थी डॉन ब्रैडमैन का ट्रिपल सेंचुरी.

एक ही दिन में बना दिया था ट्रिपल सेंचुरी

ब्रैडमैन की ये पारी उस समय तक की सबसे बड़ी टेस्ट पारी थी. ये पहली बार था जब किसी बल्लेबाज ने एक ही टेस्ट में 300 रन एक ही दिन में बना दिए थे, ये रिकॉर्ड आज तक कायम है. उनकी तेजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने सिर्फ 383 मिनट में 300 रन पूरे कर लिए थे.

21 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के पहले दिन लंच तक 105, चाय तक 220 और स्टंप्स तक 309 रन बना चुके थे. अगले दिन उनकी पारी 334 रन पर जाकर समाप्त हो गई थी. मौरिस टेट ने उन्हें जॉर्ज डकवर्थ के हाथों कैच आउट करवाया था.

ब्रैडमैन का लीड्स ग्राउंड से विशेष लगाव

ब्रैडमैन का लीड्स से नाता आगे भी बना रहा. उन्होंने इस मैदान पर कई यादगार पारियां खेलीं, लेकिन 334 रनों की ये पारी उनके करियर का टर्निंग पॉइंट मानी जाती है. ब्रैडमैन ने खुद अपनी आत्मकथा में लिखा है कि इस पारी ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया का हीरो बना दिया था. इसके बाद उनकी तुलना सिर्फ खिलाड़ियों से नहीं, बल्कि किसी संस्थान से की जाने लगी थी.

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Written By

Vikash Jha


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