Sreesanth and KCA Controversy: टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज श्रीसंत और केरल क्रिकेट एसोसिएशन के बीच विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है. मीडिया में खबरें सामने आ रही थी कि इस पूरे मामले को लेकर केसीए श्रीसंत से काफी नाराज है और उनकी तरफ से श्रीसंत के ऊपर 3 साल का बैन लगाया गया था. इसके साथ ही उनको कारण बताओ नोटिस भेजा गया था. ये मामला अब यू टर्न लेता हुआ नजर आ रहा है. श्रीसंत ने इस पूरे मामले में पलटवार करते हुए साफ कहा है कि उनको किसी तरह का कोई नोटिस अभी तक नहीं मिला है.
विवाद ने लिया नया मोड़
इस पूरे मामले पर श्रीसंत खुलकर सामने आ चुके हैं और उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए साफ किया, “केसीए की तरफ से मुझे कोई नोटिस नहीं मिल पाया है. हमें ये बात सिर्फ मीडिया से पता चली है. मुझे अभी तक नहीं पता कि किस आधार पर मेरे ऊपर ये एक्शन लिया गया है. मैं राज्य के एक खिलाड़ी का समर्थन कर रहा था. एक बार हम नोटिस देख लेंगे तो अपने विकल्पों की तलाश करेंगे.”
"I have not received any notice or order from the KCA; we have only heard it from the media. I don’t know yet on what grounds or reasons the action is being taken. I was only backing a state cricketer.. Once we see the notice, we will explore our options," tells former Indian… https://t.co/eraTlTvFZS pic.twitter.com/Ul3rawOePF
— ANI (@ANI) May 2, 2025
संजू के समर्थन में उतरे श्रीसंत
श्रीसंत ने बतौर खिलाड़ी संजू सैमसन का समर्थन करते हुए बोर्ड पर आरोप लगाए थे. एक मलयालम टीवी चैनल पर बात करते हुए उन्होंने संजू का खुलकर समर्थन किया था. उन्होंने कहा था, ‘मैं संजू और बाकी केरल क्रिकेट के खिलाड़ियों के साथ हूं. उन्हें सही मौका नहीं मिल रहा है और इसके पीछे केरल क्रिकेट एसोसिएशन की भूमिका पर सवाल उठते हैं.’
🚨 KCA suspends former India pacer Sreesanth for three years: Know details here
— PABNA (@pabnaindia) May 2, 2025
🚨 JUST IN: The Kerala Cricket Association (KCA) has suspended former India cricketer Sreesanth for reportedly making false and derogatory statements about the association during the controversy… pic.twitter.com/2UcCeNzuPi
इसके बाद केसीए की प्रतिक्रिया भी सामने आई. बोर्ड की तरफ से इस बयान को पूरी तरह से झूठा और गलत बताया गया. एसोसिएशन की तरफ से दावा किया गया कि ये छवि खराब करने की एक कोशिश है और इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना.
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