Pakistan Champions Trophy 2025: वर्ल्ड क्रिकेट में पाकिस्तान को ‘डार्क हॉर्स’ टीम माना जाता है। अपना दिन होने पर पाकिस्तान विश्व की किसी भी टीम को चारों खाने चित करने का दमखम रखती है। मगर हर सिक्के को दो पहलू होते हैं। पाकिस्तान अगर किसी भी टीम को पटखनी देने की काबिलियत रखती है, तो कब और किसके खिलाफ घुटने टेक दे इसका अंदाजा लगाना भी बड़ा मुश्किल है। चैंपियंस ट्रॉफी का आगाज हुआ तो किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि अपनी ही सरजमीं पर पाकिस्तान का बोरिया-बिस्तर सिर्फ चार दिन में पैक हो जाएगा।
हर किसी को उम्मीद थी कि डिफेंडिंग चैंपियन अपने टाइटल को डिफेंड करने के लिए जोरदार लड़ाई लड़ेगी, लेकिन रिजवान की सेना ने तो बिना लड़ाई लड़े ही सरेंडर कर दिया। अपनी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका में टीम को जीत दिलाकर देश की छाती गर्व से चौड़ी करने वाले कप्तान रिजवान घर में लाज तक नहीं बचा सके। आइए आपको बताते हैं किन तीन कारणों के चलते ग्रुप स्टेज में थम गया पाकिस्तान का सफर।
बाबर-रिजवान ने दिया धोखा
चैंपियंस ट्रॉफी में अपनी ही सरजमीं पर पाकिस्तान की नैया को पार लगाने की जिम्मेदारी बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान के कंधों पर थी। बाबर से उम्मीद थी कि वह घरेलू मैदानों पर अपनी क्लास का जबरदस्त प्रदर्शन करके दिखाएंगे। हालांकि, बाबर हर किसी का दिल तोड़ गए। न्यूजीलैंड के खिलाफ बाबर ने 64 रन तो बनाए, लेकिन इतनी गेंदें खेल लीं कि मैच टीम के हाथ से निकल गया। भारत के खिलाफ बाबर ने कुछ दमदार शॉट लगाकर आगाज दमदार किया, पर 23 रन बनाने के बाद हार्दिक पांड्या के जाल में फंसकर रह गए।
Pakistan are officially out of Champions Trophy 2025 pic.twitter.com/L6dDjCUnwy
---Advertisement---— ESPNcricinfo (@ESPNcricinfo) February 24, 2025
बाबर के साथ कप्तान रिजवान का बल्ला भी खामोश रहा। टूर्नामेंट के पहले मैच में रिजवान सिर्फ 3 रन बनाकर चलते बने। टीम इंडिया के खिलाफ रिजवान ने 46 रन तो बनाए, लेकिन गलत समय पर अपना विकेट फेंककर चलते बने। सिर्फ रिजवान-बाबर ही नहीं पाकिस्तान के तमाम बल्लेबाजों की कहानी चैंपियंस ट्रॉफी में ऐसी ही रही। बड़े मैचों में पाकिस्तान का बैटिंग ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। अगर गलती से साझेदारी जमी भी, तो इसके बाद टीम ने गुच्छों में अपने विकेट गंवा दिए।
उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे तेज गेंदबाज
पाकिस्तान की ताकत टीम का पेस अटैक माना जाता है। हालांकि, चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में विकेट लेना तो छोड़िए टीम के गेंदबाज रनों पर अंकुश तक नहीं लगा सके। न्यूजीलैंड के खिलाफ प्रमुख गेंदबाज शाहीन अफरीदी ने 10 ओवर में 68 रन लुटाए और उनकी झोली में कोई विकेट नहीं आया। भारत के खिलाफ अफरीदी ने दो विकेट चटकाए, तो 8 ओवर में ही 74 रन लुटा डाले। कुछ ऐसा ही हाल नसीम शाह और हैरिस रऊफ का भी रहा। दो मैचों में पाकिस्तान के तेज गेंदबाज अपनी ही सरजमीं पर सिर्फ 4 विकेट ही निकाल सके।
बढ़िया स्पिनर की खली कमी
पाकिस्तान की टीम में एक क्वालिटी स्पिनर की कमी साफतौर पर खली। बीच के ओवर्स में पाकिस्तान ना तो विकेट निकाल सका और ना रनों पर लगाम लगा पाया। इकलौते स्पिनर के तौर पर टीम में खेले अबरार अहमद अपनी घूमती गेंदों से कोई भी जादू नहीं बिखेर सके। दो मैचों में अबरार सिर्फ 2 ही विकेट निकाल सके। प्लेइंग इलेवन में अगर एक या दो दमदार स्पिनर मौजूद होते, तो शायद टूर्नामेंट में टीम की कहानी कुछ और हो सकती थी।