Virat Kohli Retirement: पूर्व भारतीय कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली के टेस्ट से संन्यास की अटकलों ने क्रिकेट फैंस की धड़कने की बढ़ा दी है. शनिवार को एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट का मन बना लिया है और इस बारे में उन्होंने BCCI को भी जानकारी दे दी है.
फिलहाल BCCI अधिकारियों ने उनसे अपने फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है. हालांकि, कोहली ने अभी तक इसका जवाब नहीं दिया है. वहीं, अब लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिरी क्यों कोहली टेस्ट से संन्यास लेना चाहते हैं? उनके इस फैसले के पीछे वजह क्या है?
कोहली के टेस्ट संन्यास के पीछे वजह है BCCI?
विराट कोहली ने टेस्ट से संन्यास लेने की इच्छा जाहिर करने के पीछे शायद बीसीसीआई द्वारा उन्हें इंग्लैंड सीरीज में भारत की कप्तानी करने से मना करना हो सकता है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, विराट कोहली ने इंग्लैंड सीरीज पर चर्चा शुरू होने से पहले ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की बात की थी.
इससे पहले कोहली ने एक बार फिर टीम इंडिया की कप्तानी की इच्छा जताई भी थी, लेकिन बीसीसीआई ने उनकी यह मांग ठुकरा दिया. दरअसल, बोर्ड और चयनकर्ता अब लंबे समय के लिए एक स्थायी कप्तान की तलाश में थे और उन्होंने भविष्य के लिए शुभमन गिल अगले कप्तान को रूप में चुना.
कोहली ने पहले भी दे चुके थे संकेत
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि विराट कोहली ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान कई बार अपने साथियों को इशारों-इशारों में यह जताया था कि वह टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं. लेकिन उस वक्त किसी ने उनकी बातों को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया. हालांकि, अब कोहली के टेस्ट से संन्यास लेने के इच्छा कई अहम लोगों के लिए हैरानी की बात बन गई. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कोहली इस साल की शुरुआत से ही टेस्ट करियर को लेकर सोच में थे.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में उन्होंने 9 पारियों में सिर्फ 190 रन बनाए और उनका औसत 23.75 रहा. गौर करने वाली बात यह रही कि कोहली ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर 9 में से 8 बार आउट हुए, जो उनके तकनीकी संघर्ष को दिखाता है. सीरीज खत्म होने के बाद खुद कोहली ने इशारों में कह दिया था कि 2024 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी शायद उनका आखिरी ऑस्ट्रेलिया दौरा हो सकता है.
पहले भी आई थी रिपोर्ट
इससे पहले भी TOI की एक रिपोर्ट के दावा किया गया था कि, “एक सीनियर खिलाड़ी ने जब टीम में नेतृत्व की कमी देखी तो दोबारा कप्तानी की इच्छा जताई. लेकिन BCCI ने उस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया ,क्योंकि बोर्ड अब एक यंग खिलाड़ी को भविष्य के कप्तान के तौर पर तैयार करना चाहता है.
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