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टेस्ट से ‘संन्यास’ के बाद भी भारतीय क्रिकेट में जारी रहेगी विराट की विरासत, 5 कारण बनाते हैं उन्हें महान!

मीडिया रिपोर्ट्स में लगातार ऐसा दावा किया जा रहा है कि टीम इंडिया के आगामी इंग्लैंड दौरे पर विराट कोहली नहीं जाना चाहते. कोहली ने अपने संन्यास की बात भी सेलेक्टर्स को बता दी है. विराट फिलहाल संन्यास लेंगे या नहीं ये तो वक्त बताएगा, लेकिन इतना तय है कि भारतीय क्रिकेट में विराट की विरासत को लेकर अभी से चर्चा शुरू हो चुकी है.

Virat Kohli

वैसे तो ये साफ नहीं है कि विराट कब ये ऐलान करेंगे लेकिन संभावनाएं ऐसी हैं कि कोहली टीम इंडिया के आगामी इंग्लैंड दौरे से पहले ही ये घोषणा कर देंगे. इसमें कोई शक नहीं एक बल्लेबाज़ के तौर पर विराट वर्ल्ड क्रिकेट के महानतम बल्लेबाज़ों में गिने जाएंगे. लेकिन जब उन्होंने भारतीय टेस्ट टीम की कमान संभाली, तो उन्होंने अपनी कप्तानी से भी भारतीय क्रिकेट को एक नई सोच दी, ऐसा आत्मविश्वास दिया कि एक नई भारतीय टीम तैयार हो गई. कप्तानी से दूर होकर भी विराट की विरासत हमेशा भारतीय क्रिकेट में जिंदा रहेगी। आइए जानते हैं वो 5 बड़े कारण जो उन्हें एक महान लीडर बनाते हैं.

1. जीत का जज़्बा और आक्रामकता

विराट कोहली के आने से पहले भारतीय टीम अक्सर विदेशों में रक्षात्मक नजर आती थी. लेकिन कोहली ने खिलाड़ियों में एक लड़ने की नई आग पैदा की. विराट ने खिलाड़ियों को सिखाया कि हम किसी से कम नहीं हैं, चाहे मैदान मेलबर्न का हो या लॉर्ड्स का. एक कप्तान के तौर पर विराट की आंखों में जो जुनून था, वही अब पूरी टीम इंडिया की पहचान बन गया है.

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2. फिटनेस को शौक से बनाया संस्कार

विराट ने भारतीय टीम में फिटनेस को एक नया दर्जा दिलाया. बीप टेस्ट, स्ट्रिक्ट डाइट और एक्सरसाइज का कल्चर उन्होंने ही शुरू किया. विराट ने खुद अपनी फिटनेस से टीम इंडिया में ऐसी मिसाल पेश की कि कि वर्ल्ड क्रिकेट उनका मुरीद बन गया. आज भी जब भारतीय खिलाड़ी मैदान पर तेज़, फुर्तीले और लंबे समय तक टिकने वाले नजर आते हैं, तो उसकी नींव विराट की सोच ने ही डाली.

3. सबसे खतरनाक तेज़ गेंदबाज़ी अटैक

एक समय था जब भारत का तेज़ गेंदबाज़ी डिपार्टमेंट कमजोर माना जाता था, लेकिन कोहली ने अपनी कप्तानी में इसे सबसे बड़ा हथियार बना दिया. एक दौर में भारतीय टीम 7 बल्लेबाज़ों और 4 गेंदबाज़ों के कॉम्बिनेशन के साथ खेलती थी. विराट ने इस ट्रेंड को तोड़कर 5 गेंदबाज़ों के कॉम्बिनेशन को मैदान में उतारा. कोहली की ही कप्तानी में टीम इंडिया में एक वक्त पर बुमराह, शमी, ईशांत और उमेश जैसे गेंदबाज़ साथ में खेला करते थे. विराट के भरोसे की ही बदौलत टीम इंडिया के गेंदबाज़ों की पहचान एक घातक तेज़ गेंदबाज़ी यूनिट से हुई.

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4. टेस्ट क्रिकेट को दिलाया गर्व का स्थान

टी20 और वनडे के ग्लैमर के बीच कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को नई जान दी. उन्होंने इसे ‘कड़ी परीक्षा’ नहीं, बल्कि ‘गौरव की लड़ाई’ बताया. ऑस्ट्रेलिया में पहली बार 2018-19 की ऐतिहासिक बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज़ जीत विराट की कप्तानी में ही भारत को हासिल हुई. उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने विदेशों में सीरीज जीतना सीखा, आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भी लंबे वक्त तक टीम इंडिया नंबर-1 उन्हीं की कप्तानी में रही.

5. स्टार कल्चर के बीच युवाओं को मौके

विराट कोहली की कप्तानी की एक और बात जो लंबे अरसे तक याद रखी जाएगा वो है सिर्फ स्टार खिलाड़ियों पर नहीं, बल्कि नए चेहरों पर भी विश्वास दिखाना. चाहे वो केएल राहुल हों, शुभमन गिल हों या मोहम्मद सिराज, विराट ने जिसे भी मौका दिया उसे बैक किया.

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    Written By

    Rishabh Sharma


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