Team India के लिए रेड बॉल क्रिकेट का सबसे खराब दौर? ‘गंभीर राज’ में अधर में लटका भविष्य
रेड बॉल क्रिकेट में टीम इंडिया इस समय खराब दौर से गुजर रही है. गौतम गंभीर जब से टीम इंडिया के हेड कोच बने टीम इंडिया ने केवल एक टेस्ट सीरीज ही जीती है. हर एक सीरीज में टीम के नाम शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज हो रहे हैं. तो ऐसे में क्या ये टेस्ट में भारतीय टीम का सबसे खराब दौर है?

भारतीय टीम क्रिकेट में इस समय दुनिया की सबसे मजबूत टीमों में गिनी जाती है. हाल ही में हमारी टीम ने आईसीसी टी20 विश्व कप 2024 और चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया है. इसके अलावा आईसीसी रैंकिंग में भी टीम इंडिया के खिलाड़ियों का दबदबा देखने को मिल रहा है लेकिन अगर बात रेड बॉल क्रिकेट यानी कि टेस्ट मैचों की करें तो टीम इंडिया के प्रदर्शन में भारी गिरावट देखने को मिली है. गौतम गंभीर साल 2024 जुलाई में टीम इंडिया के हेड कोच बने थे और इसके बाद से टीम इंडिया ने केवल एक ही टेस्ट सीरीज में जीत हासिल की है. इंग्लैंड सीरीज से पहले भारत को ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हार का सामना करना पड़ा था. इसके अलावा न्यूजीलैंड से 3 मैचों की सीरीज में अपने ही घर में क्लीन स्वीप झेलना पड़ा. इसका दवाब टीम इंडिया पर बढ़ा तो रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों को रिटायरमेंट तक लेना पड़ा. इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए टीम इंडिया नए कप्तान के साथ खेलने उतरी लेकिन इस दौरे के पहले मैच में भी टीम को हार का सामना करना पड़ा और टीम में कई खामियां निकल कर सामने आई हैं. तो ऐसे में अगर ये कहा जाए कि ये टीम इंडिया के लिए रेड बॉल क्रिकेट में सबसे खराब समय में से एक है तो गलत नहीं होगा क्योंकि इससे पहले भारतीय टीम जब धोनी की कप्तानी में लगातार 8 मैच हारी थी तब कई खिलाड़ियों का करियर खत्म तक हो गया था.
🚨 FIRST TIME IN 148 YEARS 🚨
India becomes the first team in Test cricket history to lose a match after having 5 individual centuries. 🤯
History made… for all the wrong reasons.#ENGvsIND #TestCricket #CricketStats #INDvsENG pic.twitter.com/wVbbSTmidU---Advertisement---— Choudhary kapil (@Kapilmalik3011) June 24, 2025
टीम इंडिया को तलाशने होंगे गेंदबाजी के विकल्प
टीम इंडिया के लिए ये दौर बदलाव का है. सीनियर खिलाड़ियों के रिटायरमेंट सामने आ रहे हैं तो वहीं टीम में युवा खिलाड़ियों को मौका मिल रहा है. इस बीच टीम इंडिया की गेंदबाजी सबसे कमजोर कड़ी उभरकर सामने आ रही है. तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को छोड़ दें तो टीम इंडिया में फिलहाल कोई भी गेंदबाज मौजूदा समय में फॉर्म में नजर नहीं आ रहा है. इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भी यही देखने को मिला. मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर पूरी तरह से दिशाहीन नजर आए. अगर आगामी मैचों में टीम को जीत दर्ज करनी है तो गेंदबाजों को लय हासिल करनी होगी.
🚨 TEAM INDIA BECOMES THE FIRST TEAM IN CRICKET HISTORY TO LOSE A TEST AFTER REGISTERING 5 CENTURIES 🤯 pic.twitter.com/FXrGOQ42OF
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इसके अलावा गंभीर राज में टीम कॉम्बिनेशन पर भी लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. टीम इंडिया अभी तक अपनी प्लेइंग 11 का सही से ढूंढ ही नहीं पाई है. इसी के चलते टीम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहे हैं और खिलाड़ी टीम में अपनी जगह को लेकर दबाव में दिख रहे हैं.
रेड बॉल क्रिकेट का सबसे खराब दौर?
टीम इंडिया के लिए सेना देशों में टेस्ट सीरीज का दौरा हमेशा से ही मुश्किलों से भरा हुआ रहता है. इंग्लैंड की ही बात करें तो भारतीय टीम ने साल 2007 में आखिरी बार सीरीज जीती थी और उस समय राहुल द्रविड़ कप्तान थे. इसके बाद से ही लगातार टीम इंडिया को इंग्लैंड में हार का सामना करना पड़ता रहा है. कप्तान बदले कोच बदले लेकिन सीरीज का नतीजा हमेशा एक ही नजर आया. विराट कोहली और रवि शास्त्री के दौर में टीम इंडिया ने रेड बॉल में अपनी पहचान बनाना शुरू किया था और भारत के बाहर भी दम दिखाया था. उसी दौर में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में लगातार 2 बार सीरीज पर कब्जा किया. आखिरी इंग्लैंड के दौरे पर भी टीम ने सीरीज 2-2 से ड्रॉ पर खत्म की थी.
Gautam Gambhir as a Indian team head coach :-
— Saachi (@anj_shas) June 24, 2025
– Lost the Test series vs NZ at home
– Ended the 12 year Test series win streak
– Lost BGT after 12 years
– Bottled WTC Final qualification
– Bottled the first test vs ENG
Actually @GautamGambhir was taken in consideration due to… pic.twitter.com/5oJxMzzB5O
क्या गिल को कप्तान बनाना सही विकल्प?
रोहित शर्मा के रिटायरमेंट के बाद शुभमन गिल को टीम इंडिया की टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया है. कई लोगों ने मैनेजमेंट और बोर्ड के इस फैसले पर सवाल खड़े किए. युवा करियर में कप्तानी की जिम्मेदारी के लिए क्या वो पूरी तरह से तैयार थे? क्या मैनेजमेंट इस मुश्किल सीरीज के लिए किसी और अनुभवी खिलाड़ी को कप्तानी सौंप सकती थी. इन सभी बातों के जवाब आगामी मैचों में जरूर मिल जाएंगे. गिल के लिए ये सीरीज एक बड़ी चुनौती है और अगर वो इसे पार कर लेते हैं तो करियर में लंबी रेस के कप्तान साबित होंगे.
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