बिना हाथ ही अचूक निशाने लगाने में माहिर शीतल देवी बनी विश्व चैंपियन, वर्ल्ड नंबर 1 को हरा रचा इतिहास
भारत की पैरा तीरअंदाज शीतल देवी ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए धमाल मचा दिया है. उन्होंने फाइनल में विश्व नंबर 1 को हरा इतिहास रच दिया. बिना हाथ के पैरों का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने ये अद्भुत काम किया है. उन्होंने टूर्नामेंट में एक नहीं बल्कि 3 मेडल जीते हैं. पढ़िए पूरी खबर

भारत की शीतल देवी एक ऐसा नाम है जो आने वाले सालों में आपको बार-बार सुनाई देने वाला है. इस खिलाड़ी का जज्बा और जुनून उसे बाकी लोगों से बिल्कुल जुदा करता है. साउथ कोरिया के ग्वांगजू में वर्ल्ड पैरा आर्चरी चैंपियनशिप 2025 में शीतल देवी ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया है.
उन्होंने इस मुकाम को हासिल करने के लिए तुर्की की वर्ल्ड नंबर 1 खिलाड़ी ओजनूर क्यूर गिर्डी को मात दी. दबाव भरे मैच में शीतल का विश्वास नहीं डगमगाया और उन्होंने कमाल के निशाने लगाए. शीतल ने फाइनल में 146-143 के स्कोर से जीत हासिल की है. इस स्कोरलाइन को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मैच कितना करीबी रहा होगा.
SHEETAL DEVI IS WORLD PARA CHAMPION! 🥇🇮🇳
— World Archery (@worldarchery) September 27, 2025
18-year-old beats the reigning champion Oznur Cure in Gwangju.#WorldArchery #ParaArchery pic.twitter.com/d5jDmdYkhq
बिना बाजू वाली एकमात्र तीरअंदाज
इस टूर्नामेंट में भारत की 18 साल की शीतल देवी इकलौती बिना बाजू वाली खिलाड़ी हैं. वो निशाना लगाने के लिए अपने पैरों का इस्तेमाल करती हैं. दोनों ही खिलाड़ियों ने बीच फाइनल में कांटे का मुकाबला देखने को मिला. मैच में कभी शीतल आगे दिखी तो वहीं कभी ओजनूर क्यूर गिर्डी का पलड़ा भारी नजर आया. शीतल को जीत हासिल करने के लिए अपना आखिरी निशाना 10 लगाना था और दबाव में न बिखरते हुए उन्होंने गोल्ड अपना नाम किया.
चैंपियनशिप में अपने नाम किए 3 मेडल
वर्ल्ड पैरा आर्चरी चैंपियनशिप में शीतल देवी ने एक गोल्ड, एक सिल्वर और एस ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है. एकल प्रतियोगिता के साथ उन्होंने कंपाउंड महिला ओपन टीम कॉम्पिटिशन में भी मेडल जीता. जोड़ी ने फाइनल तक का सफर तय किया लेकिन अंतिम मैच में थोड़े अंतर से चूक गए और सिल्वर से ही संतोष करना पड़ा. इसके अलावा शीतल ने तोमन कुमार के साथ मिलकर कंपाउंड मिश्रित टीम स्पर्धा में भी कांस्य पदक जीता.