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अनुराग ठाकुर नहीं लड़ पाएंगे बॉक्सिंग फेडरेशन का चुनाव, BFI ने पाया दोषी

भारतीय ओलंपिक संघ (IoA) ने बीएफआई द्वारा समय पर चुनाव न कराने के कारण देश में मुक्केबाजी के दैनिक संचालन की देखरेख के लिए पांच सदस्यीय तदर्थ पैनल (AdHoc Panel) का गठन किया था.

Anurag Thakur

भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (BFI) ने 28 मार्च को होने वाले चुनाव के निर्वाचक मंडल में हिमाचल प्रदेश के पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का नामांकन खारिज कर दिया. बीएफआई ने कहा कि ठाकुर हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने के योग्य नहीं हैं. हिमाचल प्रदेश मुक्केबाजी संघ ने चुनाव के लिए ठाकुर और उपाध्यक्ष राजेश भंडारी के नाम भेजे थे. बीएफआई ने 60 सदस्यीय निर्वाचक मंडल की सूची जारी की, जिसे जांच के बाद अंतिम रूप दिया गया.

बीएफआई ने इस निर्णय की व्याख्या करते हुए कहा, ‘अनुराग सिंह ठाकुर का नाम राज्य इकाई द्वारा भेजा गया था, लेकिन भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के 7 मार्च 2025 के नोटिस और भारतीय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता 2011 का उल्लंघन करने के कारण उन्हें अयोग्य पाया गया है.’ 7 मार्च को सभी संबद्ध राज्य संघों को भेजे गए नोटिस में यह स्पष्ट किया गया था कि चुनाव केवल एजीएम (बीएफआई द्वारा विधिवत अधिसूचित) के दौरान बीएफआई से जुड़े राज्य इकाइयों के असल और विधिवत निर्वाचित सदस्य ही अपने राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं.

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इसलिए खारिज हुआ अनुराग ठाकुर का नाम

बीएफआई के एक सूत्र ने बताया, ‘ठाकुर हिमाचल प्रदेश राज्य संघ के निर्वाचित सदस्य नहीं हैं, इसलिए उनका नाम खारिज कर दिया गया है. बीएफआई का काम सभी नामों की जांच करना और योग्य उम्मीदवारों की सूची निर्वाचन अधिकारी को भेजना है, जो अब सूची को अपलोड करेंगे.’ बीएफआई ने इसी कारण मेघालय के लैरी खारप्रान और त्रिपुरा के आशीष कुमार साहा के नाम भी खारिज कर दिए. इसके साथ ही यह स्पष्ट किया कि दिल्ली राज्य संघ द्वारा भेजे गए दो नाम, रोहित जैनेंद्र जैन और नीरज कांत भट, निर्वाचन अधिकारी से मंजूरी मिलने के बाद ही वैध माने जाएंगे.

बीएफआई चुनाव में विफल

भारतीय ओलंपिक संघ (IoA) ने बीएफआई द्वारा समय पर चुनाव न कराने के कारण देश में मुक्केबाजी के दैनिक संचालन की देखरेख के लिए पांच सदस्यीय तदर्थ पैनल (AdHoc Panel) का गठन किया था. हालांकि, बीएफआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय में इस फैसले के खिलाफ अपील की और चार मार्च को न्यायालय ने इस आदेश पर रोक लगा दी, इसे ‘मनमाना और अवैध’ करार दिया. बीएफआई को 2 फरवरी 2025 या उससे पहले चुनाव कराना था, लेकिन वह इसे समय पर नहीं कर पाया.

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Written By

Vikash Jha


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