Davis Cup 2025: भारत ने डेविस कप वर्ल्ड ग्रुप 1 में टोगो को 4-0 से हराकर वापसी की. यह मुकाबला रविवार (02 फरवरी) को दिल्ली के डीएलटीए कॉम्प्लेक्स में हुआ. मेजबान टीम ने शनिवार को पहले दो सिंगल्स जीतकर 2-0 की मजबूत बढ़त बना ली थी. इसके बाद रविवार को डबल्स और सिंगल्स मैचों में शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत सुनिश्चित किया. पांचवां रबर नहीं खेला गया. वर्ल्ड ग्रुप 1 का मुकाबला इस साल सितंबर में होगा और उनके प्रतिद्वंदियों के नाम बाद में घोषित किए जाएंगे.
डबल्स जोड़ी श्रीराम बालाजी और डेविस कप के डेब्यूटेंट रिथविक बोल्लिपल्ली ने चौथे मैच में मेजबान टीम को बढ़त दिलाई, जब उन्होंने म’लापा अकॉमलो को ब्रेक किया. अकॉमलो ने नियमित खिलाड़ी थॉमस सेटोडजी की जगह खेलते हुए टीम की कमजोरी साबित की.
भारतीय खिलाड़ियों ने दर्ज की जीत
भारतीय खिलाड़ियों ने स्मार्ट टेनिस खेलते हुए गेंद की सही स्थिति और मजबूत नेट उपस्थिति के साथ उनका सर्विस ब्रेक किया और पहले सेट को 6-2 से जीत लिया. दूसरा सेट और भी छोटा रहा, जब भारतीय जोड़ी ने अकॉमलो और उनके साथी इसाक पदियो को एक-एक बार ब्रेक करते हुए 6-1 से सेट जीत लिया. यह मैच कुल 57 मिनट तक चला.
करण को मिला डेब्यू को मिला मौका
टीम की जीत सुनिश्चित होने के बाद भारत ने युवा करण सिंह को डेविस कप में डेब्यू का मौका दिया. 21 वर्षीय करण ने निराश नहीं किया और उन्होंने इसाक को हराया, जिन्हें टोगो ने सेटोडजी के स्थान पर मैदान में उतारा था. इसाक ने अपनी तरफ से बेहतरीन प्रदर्शन किया और कई मैचों को कड़ा मुकाबला दिया. उन्होंने दूसरे सेट में एक बार करण की सर्विस ब्रेक भी की, लेकिन भारत ने यह मैच 6-2, 6-3 से जीत लिया. यह टोगो के लिए पहला मौका था जब वे इस दौरे में एक सेट में तीन गेम जीत पाए.
“मैंने 11 साल की उम्र में टेनिस खेलना शुरू किया था और मुझे नहीं पता था कि मैं कहां तक पहुंच पाऊंगा. मैं बस दिन-प्रतिदिन खेलता गया और आज हम यहां हैं. आज का मैच खेलकर मुझे बहुत मजा आया. सभी टीममेट्स मेरे लिए बहुत उत्साहित थे.”– करण सिंह, डेविस कप में डेब्यू करने वाले खिलाड़ी
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‘भविष्य के कप्तान को तैयार करना’
भारत ने जब डबल्स मैच और प्लेऑफ जीता तो नियमित कप्तान रोहित राजपाल ने पीछे हटते हुए मुहम्मद शशिकुमार को कप्तान की कुर्सी पर बैठने का मौका दिया. जबकि करण सिंह ने चौथा रबर खेला. कप्तान की कुर्सियां अंपायर के पास रखी जाती हैं ताकि खिलाड़ी गेम ब्रेक के दौरान कप्तान से सलाह ले सकें.
“मैं हमेशा ऐसा करता हूं. कभी-कभी यह खिलाड़ियों को तैयार करने जितना ही महत्वपूर्ण होता है. उस कुर्सी पर बैठना एक अलग तरह का दबाव होता है, आपको उस अनुभव की आवश्यकता होती है. यह उनके लिए अच्छा है. वे भविष्य के कप्तान होंगे. हम सीनियर के रूप में आते और जाते रहेंगे, लेकिन ये खिलाड़ी यहां स्थायी रूप से रहेंगे.”– रोहित राजपाल, कप्तान
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