नई वर्ल्ड चैंपियन का क्या है धोनी से कनेक्शन, खुद कोच ने खोला बड़ा राज
FIDE Women's World Cup 2025: भारत के लिए शतरंज में विश्व कप का खिताब अपने नाम करने वाली दिव्या देशमुख के कोच इस जीत से काफी खुश नजर आए. उन्होंने उनका कंपेरिजन धोनी से करते हुए बड़ी बात कही है. पढ़िए पूरी खबर
FIDE Women’s World Cup 2025: भारतीय शतरंज जगत के लिए सोमवार, 28 जुलाई को एक शानदार खबर सामने आई. 19 साल की युवा दिव्या देशमुख ने फीडे महिला विश्व कप 2025 का खिताब अपने नाम किया. उन्होंने फाइनल मैच में भारत की ही 38 साल की ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी के खिलाफ रोमांचक मुकाबले में जीत दर्ज करते हुए इतिहास रच दिया. इन दोनों भारतीय खिलाड़ियों के बीच फाइनल मुकाबला रैपिड टाई ब्रेकर तक पहुंचा, जिसमें दिव्या ने शांत रहते हुए मुकाबला अपने नाम किया. इसके शानदार जीत के बाद उनके कोच श्रीनाथ नारायण ने उनकी जमकर तारीफ करते हुए उनका कंपेरिजन क्रिकेट जगत के सूरमा महेंद्र सिंह धोनी से कर डाली.
Divya's victory isn't just about reaching the finals, it's about rewriting expectations
To outplay a former world champion in such a high-pressure match shows nerves of steel
Indian chess has its newest icon.
Congratulations 🎉 @DivyaDeshmukh05
Pray God your future be bright pic.twitter.com/wrL2y9anT7---Advertisement---— Arvind ®️athod 🇮🇳 (@Rathod_Arvind2) July 24, 2025
धोनी की तरह खेली दिव्या – कोच श्रीकांत
दिव्या के विश्व चैंपियन बनने के बाद उनके कोच श्रीनाथ नारायण भी काफी खुश नजर आए. उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए दिव्या की तारीफ करते हुए कहा, “वो एक एग्रेसिव खिलाड़ी हैं लेकिन समय के साथ दिव्या अपनी खूबियों को निखार रही हैं. मुझे लगता है कि वो क्लासिक रैपिड्स और ब्लिट्ज सभी फॉर्मेट में शानदार रहीं. मैच के बड़े मोमेंट में कमाल का खेलीं जैसे की महेंद्र सिंह धोनी आखिरी ओवर में मैच जीतते थे. मैच के आखिरी पलों में दिव्या के अंदर भी कुछ उसी तरह का अंदाज देखने को मिला.”
भारत की पहली महिला चेस चैंपियन
दिव्या देशमुख इस जीत के साथ ही भारत के लिए विश्व कप का खिताब जीतने वाली पहली महिला चेस खिलाड़ी बन गई है. इसी के साथ वो भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर भी बनी हैं. फाइनल में खेलीं दोनों ही भारतीय खिलाड़ी दिव्या देशमुख और कोनेरू हम्पी ने अगले साल 2026 में होने वाले महिला कैंडिडेट टूर्नामेंट के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है. बीते एक दशक से भारत के खिलाड़ियों ने शतरंज में अपना वर्चस्व कायम किया है.