Sunny Thomas Passed Away: भारत के महान शूटिंग कोच प्रो. सनी थॉमस का बुधवार को केरल के कोट्टायम जिले के उझवूर में हार्ट अटैक से निधन हो गया. वह 84 साल के थे. प्रो. थॉमस को 1993 से 2012 तक भारतीय शूटिंग टीम के कोच के तौर पर जाना जाता है. उन्होंने करीब 19 साल तक टीम को कोचिंग दी और कई शानदार शूटर तैयार किए, जिनमें ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा और राज्यवर्धन सिंह राठोड़ भी शामिल हैं.
महान शूटिंग कोच सनी थॉमस का निधन
बुधवार को वो घर पर थे जब उन्हें अचानक तबीयत बिगड़ने लगी. उनकी पत्नी ने तुरंत पड़ोसियों की मदद ली, लेकिन अस्पताल ले जाते वक्त ही उनका निधन हो गया. गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. 84 साल की उम्र में भी प्रो. थॉमस का खेल के लिए जुनून कम नहीं हुआ था.
पिछले महीने ही वो कोट्टायम राइफल एसोसिएशन की एक मीटिंग में भी शामिल हुए थे. पहले वो एक अंग्रेजी के प्रोफेसर थे और रिटायरमेंट के बाद ही पूरी तरह शूटिंग में एक्टिव हुए. 1993 में उन्होंने नेशनल टीम के कोच की जिम्मेदारी संभाली और 2012 तक भारत को कई मेडल जीताने में अहम भूमिका निभाई.
अभिनव बिंद्रा ने जताया दुख
ओलंपियन अभिनव बिंद्रा ने अपने पूर्व कोच सनी थॉमस के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “प्रोफेसर सनी थॉमस के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ. वह एक कोच से कहीं बढ़कर थे. वह भारतीय निशानेबाजों की कई पीढ़ियों के लिए एक मेंटॉर, मार्गदर्शक और पिता समान थे.”
उन्होंने आगे लिखा, “हमारी क्षमता में उनका विश्वास और खेल के प्रति उनका अथक समर्पण, अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी में भारत के उत्थान की नींव रखता है. उन्होंने मेरे शुरुआती वर्षों में एक बड़ी भूमिका निभाई और मैं उनके समर्थन और मार्गदर्शन के लिए हमेशा आभारी रहूंगा. शांति से विश्राम करें, सर. आपका प्रभाव हमेशा रहेगा.”
Deeply saddened to hear about the passing of Prof. Sunny Thomas.
— Abhinav A. Bindra OLY (@Abhinav_Bindra) April 30, 2025
He was more than a coach, he was a mentor, guide, and father figure to generations of Indian shooters. His belief in our potential and his relentless dedication to the sport laid the foundation for India’s rise in…
सनी थॉमस का यादगार सफर
कोच बनने से पहले सनी थॉमस खुद भी एक नेशनल लेवल के शूटिंग चैंपियन थे. उनके कोचिंग में 2008 बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा मेंस 10 मीटर एयर राइफल में व्यक्तिगत गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने. इससे पहले, जब वे कोचिंग स्टाफ का हिस्सा थे तब राज्यवर्धन सिंह राठौड़ मेंस की डबल ट्रैप में सिल्वर के साथ निशानबाजी में ओलंपिक मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने थे.
उनके कोचिंग करियर में भारत ने वर्ल्ड चैंपियनशिप, ओलंपिक और एशियाई खेलों में कुल 108 गोल्ड, 74 सिल्वर और 53 ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए. खेल के लिए उनके योगदान को देखते हुए उन्हें 2001 में द्रोणाचार्य अवॉर्ड से नवाजा गया था.
A legend remembered.
— Suma Shirur OLY (@SumaShirur) April 30, 2025
Prof. Sunny Thomas, Dronacharya Awardee — mentor, teacher, pioneer.
You blessed the LAKSHYA Cup with your presence, wisdom, & quiet strength.
From me & LAKSHYA Shooting Club — thank you, Sir. Your legacy lives on in every shot fired with purpose. pic.twitter.com/8aUf0YXSU4
Deeply saddened by the demise of Prof. Sunny Thomas — former Vice President of @OfficialNRAI , long-serving National Coach, and the first Dronacharya Awardee in Shooting.
— Raninder Singh (@RaninderSingh) April 30, 2025
His remarkable contribution to the sport and its promotion in India will always be remembered. pic.twitter.com/jaJE6Q3ZVL
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