Tata Steel Chess Tournament 2025: भारत के ग्रैंडमास्टर आर. प्रगनानंद (R Praggnanandhaa) ने टाटा स्टील मास्टर्स 2025 शतरंज प्रतियोगिता में शानदार जीत दर्ज करते हुए खिताब अपने नाम कर लिया है. नीदरलैंड में रविवार (02 फरवरी) को फाइनल में उन्होंने भारत के ही वर्ल्ड चैंपियन डी. गुकेश को हरा दिया. फाइनल मैच पूरी तरह से भारतीय मुकाबला था, जिसमें दोनों खिलाड़ियों को 13 राउंड के बाद एक समान अंक थे.
प्रगनानंद को टूर्नामेंट जीतने के लिए ड्रॉ की जरूरत थी, लेकिन उन्होंने जर्मनी के विंसेंट कीमर से हार का सामना किया. इसी दौरान गुकेश भी अर्जुन एरिगैसी से मैच हार गए. ऐसे में खिताबी मुकाबला टाईब्रेकर तक पहुंच गया. जिसमें दोनों खिलाड़ियों ने संघर्ष किया लेकिन अंत में प्रगनानंद ने बाजी मारी.
Rameshbabu Praggnanandhaa is the Champion of @tatasteelchess Masters 2025! After a long fight in the classical round, @rpraggnachess defeated Gukesh in the Blitz playoffs to become the Champion. What a thriller – it was a battle of nerves, but Praggnanandhaa managed to take down… pic.twitter.com/0lgRgolBsZ
— ChessBase India (@ChessbaseIndia) February 2, 2025
टाटा स्टील मास्टर्स 2025 चैंपियन बने प्रगनानंद
टाईब्रेकर सडन डेथ के नियमों पर खेला गया. इस निर्णायक मैच में सफेद मोहरों वाले खिलाड़ी को 2 मिनट 30 सेकंड और काले मोहरों वाले खिलाड़ी को 3 मिनट का समय मिला. दबाव भरे इस मुकाबले में गुकेश लय खो बैठे, जबकि प्रगनानंद ने अपने कौशल का प्रदर्शन करते हुए बाज़ी मार ली और अपने करियर का पहला मास्टर्स खिताब अपने नाम कर लिया.
Heartbreak 💔
— ChessBase India (@ChessbaseIndia) February 3, 2025
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जीत के बाद प्रगनानंद ने क्या कहा?
यह लगातार दूसरा साल था जब गुकेश टाईब्रेकर में हार गए. 2024 में भी उन्हें चीन के वेई यी के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. इस बड़ी जीत के बाद प्रगनानंद ने मजाकिया अंदाज में कहा कि वह अपना खिताब अर्जुन को गिफ्ट करना चाहेंगे, क्योंकि अर्जुन ने अंतिम दौर में गुकेश को हराकर मुकाबले को टाईब्रेकर तक पहुंचाया था.
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प्रगनानंद ने कहा, “मुझे लगा ही नहीं था कि अर्जुन, गुकेश को हरा पाएगा. कुछ समय तक ऐसा लगा कि गुकेश वास्तव में मुझसे बेहतर स्थिति में हैं. जब मैंने अंतिम परिणाम देखा तो मैं उस समय गलत चाल चल चुका था और मुश्किल में था. उस पल मुझे लगा कि अब सिर्फ बचाव ही कर सकता हूं.”
प्रगनानंद ने हासिल किया नया मुकाम
इस जीत के साथ प्रगनानंद ने न सिर्फ एक प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम किया, बल्कि अपनी शतरंज यात्रा में एक नया मुकाम भी हासिल कर लिया.
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