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दोनों सदनों से पास हुआ नेशनल स्पोर्ट्स बिल, जानें खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने क्या कहा?

केंद्रीय खेल मंत्री मंसुख मांडविया ने इन विधेयकों को पेश करते हुए कहा कि यह स्वतंत्रता के बाद भारतीय खेल क्षेत्र में सबसे बड़ा और क्रांतिकारी सुधार है.

Mandavi

National Sports Governance and Anti-Doping Amendment Bill 2025: संसद में मंगलवार (12 अगस्त) को उस समय ऐतिहासिक क्षण आया जब नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल 2025 और नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन बिल 2025 को राज्यसभा की मंजूरी मिल गई. इससे पहले सोमवार को ये दोनों बिल लोकसभा में पारित हुए थे. केंद्रीय खेल मंत्री मंसुख मांडविया ने इन विधेयकों को पेश करते हुए कहा कि यह स्वतंत्रता के बाद भारतीय खेल क्षेत्र में सबसे बड़ा और क्रांतिकारी सुधार है.

50 साल पुरानी कोशिश अब हुई सफल

खेल मंत्रालय द्वारा इस तरह के बिल को लाने की शुरुआत 1975 में हुई थी, लेकिन लगातार राजनीतिक बाधाओं और सहमति की कमी के कारण यह कभी संसद तक नहीं पहुंच पाया. 2011 में नेशनल स्पोर्ट्स कोड लाया गया था, पर वह भी विधेयक बनने से पहले ही रुक गया था. अब 2036 ओलंपिक की मेजबानी की तैयारी और वैश्विक मानकों के अनुरूप खेल प्रबंधन के लिए इस बिल को जरूरी समझा गया.

बिल का उद्देश्य क्या है?

खेल मंत्री मांडविया ने बताया कि यह कानून देश के खेल संगठनों में जवाबदेही, निष्पक्षता और बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था सुनिश्चित करेगा. यह खेल संघों को अधिक पारदर्शी और लोकतांत्रिक बनाएगा. साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि खिलाड़ियों को एक मजबूत और निष्पक्ष खेल व्यवस्था मिले.

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BCCI अभी भी RTI के बाहर

इस बिल में सरकार द्वारा संशोधन कर यह स्पष्ट किया गया है कि केवल वही खेल संगठन इसके दायरे में आएंगे जो केंद्र या राज्य सरकार से आर्थिक मदद या अनुदान प्राप्त करते हैं. चूंकि BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं लेता है, इसलिए यह RTI यानी सूचना के अधिकार कानून के तहत नहीं आएगा. हालाँकि, RTI के तहत BCCI को लाने की मांग लंबे समय से होती रही है.

नई संस्थाएं होंगी स्थापित

23 जुलाई 2025 को मंसुख मांडविया ने लोकसभा में इस बिल को प्रस्तुत किया था. इसमें नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बॉडी, नेशनल स्पोर्ट्स बोर्ड, नेशनल स्पोर्ट्स इलेक्शन पैनल, नेशनल स्पोर्ट्स ट्रिब्यूनल के गठन का प्रावधान है. इन संस्थाओं का मुख्य उद्देश्य खेल संघों की निगरानी, चुनावों की निष्पक्षता और विवादों का समाधान करना होगा.

नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन बिल 2025 में क्या बदला?

यह संशोधन बिल भारत की एंटी-डोपिंग व्यवस्था को WADA (वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी) के मानकों के अनुसार ढालने के लिए लाया गया है. 2022 में संसद ने नेशनल एंटी-डोपिंग एक्ट पारित किया था, लेकिन WADA ने उसमें सरकारी हस्तक्षेप को लेकर आपत्ति जताई थी. WADA के अनुसार, भारत में गठित नेशनल बोर्ड फॉर एंटी-डोपिंग इन स्पोर्ट्स को NADA (नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी) पर निगरानी और निर्देश देने का अधिकार देना अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ था.

2025 के संशोधन के महत्वपूर्ण पॉइंट्स

बोर्ड अब भी बना रहेगा, लेकिन NADA पर उसका कोई नियंत्रण या निर्देशात्मक अधिकार नहीं होगा. NADA को पूर्ण स्वतंत्रता दी गई है ताकि वह स्वतंत्र रूप से डोपिंग के मामलों की जांच और कार्रवाई कर सके. सरकार या कोई भी राजनीतिक नियुक्त व्यक्ति NADA के संचालन में हस्तक्षेप नहीं कर सकेगा.

इसका लाभ क्या होगा?

भारत की डोपिंग नियंत्रण प्रणाली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त होगी. खिलाड़ियों को निष्पक्ष जांच और सुनवाई का अधिकार मिलेगा. भारत की खेल साख को नुकसान नहीं होगा और किसी भी प्रकार के प्रतिबंध का खतरा टल जाएगा.

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Written By

Vikash Jha


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