डायमंड लीग के दोहा चरण में हिस्सा लेने से पहले भारत के ओलंपिक और विश्व चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने पाकिस्तान के जैवलिन थ्रो खिलाड़ी अरशद नदीम के साथ अपने संबंधों को लेकर चल रही चर्चाओं पर सफाई दी. भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा राजनीतिक तनाव के बीच चोपड़ा ने स्पष्ट किया कि उनके और नदीम के बीच कोई गहरा व्यक्तिगत रिश्ता नहीं है.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीरज ने कहा, ‘सबसे पहले, मैं यह बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि मेरा और अरशद का कोई खास या निजी रिश्ता नहीं है. खेल के मैदान में खिलाड़ी आपस में बातचीत करते हैं. मेरे कई अच्छे दोस्त हैं एथलेटिक्स की दुनिया में- सिर्फ जैवलिन नहीं बल्कि अन्य इवेंट्स में भी. अगर कोई मुझसे इज्जत से बात करता है, तो मैं भी उसे उसी इज्जत के साथ जवाब देता हूं.’
पेरिस ओलंपिक में पलट गई कहानी
टोक्यो ओलंपिक से शुरू हुई इस पेशेवर प्रतिद्वंद्विता ने दोनों खिलाड़ियों को लगातार मीडिया की नजरों में बनाए रखा है. टोक्यो में जहां नीरज ने ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतकर भारत के लिए ट्रैक एंड फील्ड में पहला ओलंपिक गोल्ड दिलाया था, वहीं नदीम पांचवें स्थान पर रहे थे. इसके बाद पेरिस में हुए अगले ओलंपिक में कहानी पलट गई. अरशद नदीम ने 92.97 मीटर की जबरदस्त थ्रो के साथ पाकिस्तान को हॉकी के बाहर पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलाया, जबकि नीरज को सिल्वर से संतोष करना पड़ा था.
राजनीतिक तनाव का असर खेलों पर भी पड़ रहा
भारत-पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते सैन्य और राजनीतिक तनाव का असर खेलों पर भी पड़ रहा है और ऐसे में दोनों खिलाड़ियों के एक साथ मुकाबले की संभावना निकट भविष्य में नहीं दिख रही है. नीरज इस समय डायमंड लीग और पोलैंड में होने वाले एक मीट में हिस्सा लेने की तैयारी में हैं.
नीरज चोपड़ा क्लासिक को लेकर उठा विवाद
हाल ही में एक विवाद तब खड़ा हो गया जब नीरज चोपड़ा ने खुलासा किया कि उन्होंने अरशद नदीम को ‘नीरज चोपड़ा क्लासिक’ में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था. हालांकि यह टूर्नामेंट बाद में रद्द कर दिया गया क्योंकि पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत-पाक के बीच बढ़े तनाव ने माहौल को और बिगाड़ दिया.
मेरे परिवार को झेलनी पड़ीं गालियां
नीरज ने इस पर सफाई देते हुए कहा था, ‘इस आमंत्रण को लेकर जो नफरत और गालियां मुझे और मेरे परिवार को झेलनी पड़ीं, वो बेहद दुखद थीं. मैंने अरशद को एक खिलाड़ी के नाते आमंत्रित किया था, न कि किसी राजनीतिक सोच के तहत. एनसी क्लासिक का मकसद था भारत में विश्व स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देना. टूर्नामेंट के लिए सभी शीर्ष खिलाड़ियों को आमंत्रण आतंकवादी हमलों से दो दिन पहले ही भेजे गए थे. घटनाओं के बाद स्वाभाविक था कि अरशद की भागीदारी मुमकिन नहीं रह गई.’
ये भी पढ़ें:- ENG vs IND: टीम इंडिया के लिए तुरुप का इक्का बनेगा ये खिलाड़ी? इंग्लैंड दौरे पर मौका मिलना लगभग पक्का