3 साल बाद जेल से बाहर आएंगे ओलंपियन सुशील कुमार, दिल्ली हाईकोर्ट ने दी जमानत
ओलंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार को सागर धनखड़ हत्याकांड में तीन साल जेल में रहने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिल गई.
भारतीय कुश्ती के दिग्गज और ओलंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट ने जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन सागर धनखड़ की हत्या के मामले में नियमित जमानत दे दी है. सुशील कुमार इस मामले में करीब तीन साल से जेल में बंद थे. उन्हें दो जून 2021 को गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले, साल 2023 में घुटने की सर्जरी के लिए उन्हें एक सप्ताह की अंतरिम जमानत भी दी गई थी. एक समय भारत के सबसे बड़े पहलवानों में शुमार रहे सुशील कुमार का करियर इस घटना के बाद पूरी तरह से खत्म हो गया.
हत्या और साजिश का आरोप
सुशील कुमार पर चार मई 2021 को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम की पार्किंग में जूनियर पहलवान सागर धनखड़ और उसके दोस्तों पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगा था. संपत्ति विवाद के चलते हुए इस हमले में सागर गंभीर रूप से घायल हो गया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. घटना के बाद पुलिस ने सुशील कुमार को गिरफ्तार कर लिया था, और तब से वह जेल में थे.
पहले भी मिली थी जमानत
साल 2023 में सुशील कुमार को मेडिकल आधार पर सात दिन की अंतरिम जमानत मिली थी. घुटने की चोट के चलते डॉक्टरों ने उन्हें सर्जरी की सलाह दी थी, जिसके बाद कोर्ट ने 23 जुलाई से 30 जुलाई तक जमानत दी थी. बाद में उनकी जमानत की अवधि बढ़ाई गई, लेकिन तय समय के बाद उन्होंने तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण कर दिया था.
भारत के लिए ओलंपिक में रचा था इतिहास
सुशील कुमार भारत के सबसे सफल पहलवानों में से एक रहे हैं. उन्होंने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल और 2012 के लंदन ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचा था. वह लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने थे. उनकी कामयाबी ने उन्हें युवा पहलवानों के लिए प्रेरणा बना दिया था. लेकिन विवादों और कानूनी पचड़ों में फंसने के बाद उनकी छवि पूरी तरह धूमिल हो गई.
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