भारतीय हॉकी टीम के पूर्व खिलाड़ी पीआर श्रीजेश (PR Sreejesh) को पद्म भूषण (Padma Bhushan) से सम्मानित किए जाने की घोषणा हुई, जिससे यह अनुभवी गोलकीपर बेहद भावुक हो गए. श्रीजेश ने कहा कि उन्होंने भारतीय हॉकी (Indian Hockey) के लिए पिछले 20 वर्षों में जो योगदान दिया, उसके बदले देश ने उन्हें इस सम्मान के रूप में कहीं अधिक लौटाया है.
मेजर ध्यानचंद (Major Dhyan Chand) के बाद श्रीजेश यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड पाने वाले दूसरे भारतीय हॉकी खिलाड़ी बन गए हैं.
🏅 A moment of pride and joy🎉
— Hockey India (@TheHockeyIndia) January 26, 2025
Our very own PR Sreejesh shares his heartfelt thoughts and excitement upon receiving the news of being honored with the prestigious Padma Bhushan award.
His dedication, hard work, and passion for the game have inspired millions, and this… pic.twitter.com/PQDYDVDNfD
मेजर ध्यानचंद के बाद दूसरे प्लेयर बने श्रीजेश
श्रीजेश, जिन्हें भारत के सबसे बेहतरीन गोलकीपरों में गिना जाता है, इस बात से अनजान थे कि मेजर ध्यानचंद (1956) के बाद पद्म भूषण प्राप्त करने वाले वे दूसरे हॉकी खिलाड़ी हैं. जब उन्हें यह जानकारी मिली, तो वे बेहद भावुक हो गए. श्रीजेश उन पांच खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्हें इस वर्ष पद्म पुरस्कार से नवाजा जाएगा. वह टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम का हिस्सा रहे. पेरिस ओलंपिक के बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास ले लिया था.
माता-पिता और कोच को दिया श्रेय
श्रीजेश ने बताया कि सुबह उन्हें खेल मंत्रालय से फोन आया, लेकिन आधिकारिक घोषणा शाम को हुई. उस समय उनके जीवन के बीते साल फ्लैशबैक की तरह आंखों के सामने गुजर रहे थे. पुरस्कार की घोषणा के समय वे राउरकेला में हॉकी इंडिया लीग का मैच देख रहे थे. इसके बाद उन्होंने सबसे पहले अपने माता-पिता और पत्नी को यह खुशखबरी दी. श्रीजेश ने कहा कि उनके बिना यह सफर संभव नहीं हो पाता. इसके बाद उन्होंने अपने कोच हरेंद्र सिंह को फोन किया, जिनके मार्गदर्शन में उन्होंने भारत की जूनियर टीम में डेब्यू किया था.
देश के प्रति जताया आभार
श्रीजेश ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास लेने के बाद इस तरह का सम्मान मिलना बेहद खास है. यह साबित करता है कि पिछले 20 वर्षों में जो कुछ मैंने भारतीय हॉकी के लिए किया, देश ने उसे पहचाना और सम्मानित किया.”
भारत का हॉकी इतिहास बेहद सुनहरा
ध्यानचंद के बाद पद्म भूषण मिलने की बात पर उन्होंने कहा, “मुझे इस बारे में जानकारी नहीं थी. जब मीडिया के जरिए पता चला, तो यकीन नहीं हुआ. यह किसी सपने जैसा लग रहा है. भारत का हॉकी इतिहास बेहद सुनहरा है और हमने विश्व को कई महान खिलाड़ी दिए हैं. ऐसे में ध्यानचंद जी के बाद मुझे यह पुरस्कार मिलना मेरे लिए बहुत गर्व की बात है. मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं.”
श्रीजेश वर्तमान में भारत की अंडर-21 पुरुष टीम के कोच के रूप में काम कर रहे हैं और इस सम्मान को भारतीय हॉकी के प्रति अपने समर्पण का फल मानते हैं.
ये भी पढ़ें:- Australian Open: हेनरी बर्नेट ने जीती Boys Championship, रोजर फेडरर को छोड़ा पीछे
ये भी पढ़ें:- Padma Award 2025: खेल जगत के 5 दिग्गजों को मिला सम्मान