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ओलंपिक गोल्डन ब्यॉय नीरज चोपड़ा को मिली भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि, देश का मान बढ़ाने के लिए मिला सम्मान

भारत के लिए 2 बार ओलंपिक पदक जीत चुके नीरज चोपड़ा के जीवन में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ चुका है. भारतीय सेना की तरफ से उन्हें लेफ्टिनेंट कर्नल बना दिया गया है. बुधवार को आयोजित हुए पिपिंग समारोह में उन्हें इस खास पद से सम्मानित किया गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थल सेना के अध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने उन्हें ये उपाधि दी है.

Neeraj Chopra
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भारत के लिए 2 बार ओलंपिक पदक जीत चुके नीरज चोपड़ा के जीवन में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ चुका है. भारतीय सेना की तरफ से उन्हें लेफ्टिनेंट कर्नल बना दिया गया है. बुधवार को आयोजित हुए पिपिंग समारोह में उन्हें इस खास पद से सम्मानित किया गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थल सेना के अध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने उन्हें ये उपाधि दी है. इस दौरान उनको सेना की वर्दी में देखा जा सकता है. पिपिंग  समारोह बुधवार 22 को आयोजित किया गया. इससे पहले नीरज चोपड़ा को साल 2016 में नायब सूबेदार के पद पर जूनियर कमीशन अधिकारी के रूप में सेना में शामिल किया गया था. 

2 बार ओलंपिक मेडल जीत रचा इतिहास

हरियाणा के पानीपत से आने वाले नीरज चोपड़ा ने भारत का नाम दुनियाभर में रौशन किया है. साल 2020 टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने गोल्ड मेडल जीत सुर्खियां बटोरी तो वहीं इसके बाद साल 2024 पेरिस ओलंपिक में उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. एथलेटिक्स में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. साथ ही साल 2021 में उन्होंने उन्हें खेल रत्न पुरस्कार भी मिला था. 

साल 2021 में बने थे सूबेदार

साल 2020 में ओलंपिक गोल्ड जीतने के बाद साल 2021 में उन्हें सूबेदार के पद पर भी पदोन्नत किया गया था. इसके बाद साल 2022 में उन्हें भारतीय सेना का सर्वोच्च शांति कालीन सम्मान परम विशिष्ट सेवा पदक भी दिया गया था. ओलंपिक में दमदार प्रदर्शन के बाद भी वो रुके नहीं और विश्व स्तर पर लगातार भारत की झोली मेडल से भरते रहे हैं. हाल ही में उन्होंने अपने करियर का सबसे बेस्ट थ्रो किया, जिसमें उन्होंने 90 मीटर के जादुई आंकड़े को भी पार किया.

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हालांकि इस जैवलिन थ्रो का उनका ये सीजन काफी उतार चढ़ाव भरा रहा. कभी इंजरी ने उनका रास्ता रोका तो कभी कई और परेशानियां उनके आड़े आईं लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. इस साल वो वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में खिताब बचाने के लिए उतरे थे लेकिन कोई भी मेडल हासिल नहीं कर पाए. 84.03 मीटर के थ्रो के साथ वो 8वें पायदान पर रहे थे.

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Written By

Nikhil Shukla


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