अब महिला बॉक्सिंग में अनिवार्य होगा जेंडर टेस्ट, वर्ल्ड बॉक्सिंग का बड़ा फैसला
World Boxing: वर्ल्ड बॉक्सिंग ने महिला मुक्केबाजों के लिए जेंडर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है, जो अगले महीने से लागू होगा. यह कदम खेल में निष्पक्षता और सुरक्षा के लिए उठाया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

World Boxing: ओलंपिक स्टाइल बॉक्सिंग की गवर्निंग बॉडी वर्ल्ड बॉक्सिंग ने बड़ा फैसला लेते हुए महिला बॉक्सर्स के लिए जेंडर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है. ये नियम अगले महीने इंग्लैंड में होने वाली वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप से लागू होगा. इस टेस्ट के लिए बॉक्सर्स की जेनेटिक स्क्रीनिंग या PCR तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे ये पता लगाया जाएगा कि बॉक्सर के शरीर में Y क्रोमोसोम मौजूद है या नहीं. Y क्रोमोसोम की मौजूदगी से किसी व्यक्ति के बायोलॉजिकल लिंग की पुष्टि होती है.
World Boxing has published its new Sex Eligibility Policy and confirmed that mandatory sex testing will apply in the female category at the inaugural World Boxing Championships 2025.
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वर्ल्ड बॉक्सिंग ने इसको लेकर क्या कहा?
संस्था के अध्यक्ष बोरिस वान डेर वोर्स्ट ने कहा कि, ‘हम सभी की गरिमा का सम्मान करते हैं और चाहते हैं कि बॉक्सिंग एक समावेशी खेल बना रहे. लेकिन हमें सुरक्षा और निष्पक्षता बनाए रखने की भी जिम्मेदारी है और इसी कारण यह कदम उठाया गया है.’
क्यों आया ये फैसला?
इस फैसले के पीछे एक बड़ा विवाद कारण बना. पेरिस ओलंपिक 2024 के दौरान अल्जीरिया की बॉक्सर इमान खलीफ पर ‘पुरुष होने’ के आरोप लगे थे. जब उन्होंने इटली की एंजेला कैरिनी के खिलाफ मुकाबला खेला तो विरोध के चलते विरोधी खिलाड़ी ने मैच ही छोड़ दिया. इसके बावजूद खलीफ ने गोल्ड मेडल जीता. लेकिन उनके जेंडर को लेकर विवाद खत्म नहीं हुआ.
वर्ल्ड बॉक्सिंग के फैसले से आएगी निष्पक्षता
बाद में जब वर्ल्ड बॉक्सिंग ने आधिकारिक तौर पर जेंडर टेस्ट की घोषणा की, तो इमान खलीफ ने जून में नीदरलैंड्स में होने वाले टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया. माना जाता है कि उन्होंने ये फैसला इसलिए लिया क्योंकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में वर्ल्ड बॉक्सिंग के अध्यक्ष ने जेंडर टेस्ट के मुद्दे पर उनका नाम लिया था. यह फैसला अब खेल में निष्पक्षता और खिलाड़ियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के मकसद से लागू किया जा रहा है.