IPL 2024 में अपनी रफ्तार से सबको चौंकाने वाले मयंक यादव इस सीज़न में वैसा जादू नहीं दिखा पा रहे हैं. चोट से वापसी के बाद न सिर्फ उनकी गेंदों की रफ्तार घटी है, बल्कि उनके आत्मविश्वास में भी भारी गिरावट दिखी है. पहले जो गेंदें 150+ kmph पर बल्लेबाज़ों की नींद उड़ाती थीं, अब 140 के आसपास डोल रही हैं. नतीजा ये है मयंक की तूफानी गेंदबाज़ की पहचान भी खतरे में दिख रही है. पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंबाती रायुडू ने इसकी वजह का खुलासा किया है.
JOSH INGLIS SMASHED 3 CONSECUTIVE SIXES VS MAYANK YADAV & A SIX VS AKASH SINGH AT DHARMSHALA.!!!
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रफ्तार का नहीं, आत्मविश्वास का मामला
पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंबाती रायुडू ने कहा है कि मयंक की गेंदबाजी की लय सिर्फ चोट की वजह से नहीं बिगड़ी है, दरअसल यहां मामला रफ्तार के साथ-साथ आत्मविश्वास का भी है. रायुडू ने कहा, ‘मुझे लगता है कि गति की कमी से ज्यादा आत्मविश्वास की कमी है, क्योंकि जब आप चोट से वापस आ रहे होते हैं तो यह मुश्किल होता है कि आप वास्तव में अपनी पीठ झुकाएं और अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में वापस आए. हमने देखा है कि आर्चर को अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में वापस आने में छह महीने लग गए. मयंक तो एक युवा लड़का है, शायद यह पहली बार है जब वह चोटिल हुआ है. एलएसजी ने शायद उसे लाने के लिए कुछ हताशा दिखाई है, शायद वह अभी तक तैयार नहीं है.’
चोट से धीमी हो गई ‘राजधानी एक्सप्रेस’?
गौरतलब है कि 2024 में शानदार डेब्यू करने वाले मयंक ने तब अपनी सबसे तेज़ गेंद 156.7 kmph की डाली थी. लेकिन रविवार को पंजाब किंग्स के खिलाफ पिछले मैच में उनका प्रदर्शन बेहद फीका रहा. पहले ओवर में 20 रन, दूसरे ओवर में 16 रन और कुल मिलाकर 4 ओवर में बिना कोई विकेट लिए 60 रन लुटा दिए. इससे पहले मुंबई इंडियंस के खिलाफ भी मैच में मयंक ने 8 स्लोअर गेंदें डालीं थीं. अपनी तूफानी रफ्तार की पहचान से अलग मैच में उनकी सबसे तेज़ गेंद सिर्फ 142.7 kmph की रही.

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चोट का इतिहास ना बन जाए मुसीबत
मयंक 2024 में डेब्यू के बाद 4 मैचों में 7 विकेट लेकर स्टार बन गए थे. लेकिन इसके बाद पीठ की गंभीर चोट ने उनका करियर रोक दिया. IPL 2024 से बाहर होने के बाद वह पूरे घरेलू सीज़न से भी बाहर रहे. लंबा रिहैब, फिटनेस की जंग और फिर से वापसी, सफर आसान नहीं था. हालांकि मयंक ने वापसी के बाद गेंदों में विविधता दिखाई है. लेकिन आत्मविश्वास की कमी से जो गेंदें पहले आग उगलती थीं, वो अब बुझी-बुझी लग रही हैं. मयंक को अपने आत्मविश्वास को भी दोबारा खड़ा करना होगा. नहीं तो कहानी बनने से पहले ही बिगड़ भी सकती है.
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