भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान इनिवलप्पिल मणि विजयन (I.M. Vijayan) को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस खास मौके पर विजयन ने यह सम्मान देश के सभी फुटबॉल प्रशंसकों को समर्पित किया. उन्होंने कहा, “मैं अपना पुरस्कार हर फुटबॉल प्रशंसक को समर्पित करता हूं. मैं जो भी हूं, वो इन्हीं की वजह से हूं.”
विजयन ने आगे कहा, “मुझे नहीं पता कि मैं कितना अच्छा खिलाड़ी था, लेकिन जो प्यार मुझे प्रशंसकों से मिला, वही मेरे करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है. यही लोग हैं जिन्होंने फुटबॉल को इस ऊंचाई तक पहुंचाया.”
1990 के दशक में भारतीय फुटबॉल का चमकता सितारा
आईएम विजयन भारतीय फुटबॉल के लिए 1990 के दशक में एक महत्वपूर्ण चेहरा थे. उन्होंने 1993 और 1997 में भारतीय टीम को साउथ एशियन फुटबॉल फेडरेशन (SAFF) चैंपियनशिप का खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई. इन दोनों टूर्नामेंट्स में विजयन शीर्ष गोल स्कोरर रहे. इसके अलावा, उन्हें 1992, 1997 और 2000 में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) प्लेयर ऑफ द ईयर का खिताब दिया गया. 2003 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से भी नवाजा गया था.
केरल के मुख्यमंत्री और खेल मंत्री ने दी बधाई
शनिवार को पुरस्कारों की आधिकारिक घोषणा के बाद केरल के मुख्यमंत्री, खेल मंत्री, वरिष्ठ राजनेताओं, सरकारी अधिकारियों, फुटबॉल जगत के दिग्गजों और विजयन के साथियों ने उन्हें बधाई दी.
युवाओं को प्रेरित करने की उम्मीद
विजयन ने कहा, “हां, मैं खुश हूं, बेहद खुश। जब आपकी सेवाओं को पहचान मिलती है, तो संतोष होना स्वाभाविक है. मुझे नहीं पता कि यह पुरस्कार भारतीय फुटबॉल को कितना मदद करेगा, लेकिन अगर इससे देश के किसी कोने में युवाओं को फुटबॉल खेलने की प्रेरणा मिलती है, तो यह मेरे लिए सबसे बड़ी संतुष्टि होगी.”
12 साल तक रहे टीम इंडिया की रीढ़
आईएम विजयन ने भारतीय फुटबॉल टीम के लिए अपना सफर जनवरी 1991 में तिरुवनंतपुरम में नेहरू कप में रोमानिया के खिलाफ शुरू किया. 12 साल तक वह ब्लू टाइगर्स की रीढ़ बने रहे. अक्टूबर 2003 में हैदराबाद में अफ्रो-एशियन गेम्स के फाइनल के बाद जब उन्होंने अपने बूट टांग दिए, तब तक वह भारतीय फुटबॉल के सबसे चमकते सितारों में से एक बन चुके थे.
तेजतर्रार स्ट्राइकर और रिकॉर्ड धारक
विजयन ने 1999 के साउथ एशियन गेम्स में पाकिस्तान के खिलाफ भारत का सबसे तेज़ हैट्रिक स्कोर किया. वह तीन बार AIFF प्लेयर ऑफ द ईयर रहे और 2003 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हुए. आज वह AIFF की एग्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्य और टेक्निकल कमेटी के चेयरपर्सन हैं.
पद्मश्री पाने वाले नौवें फुटबॉल खिलाड़ी
विजयन पद्मश्री से सम्मानित होने वाले भारत के नौवें फुटबॉलर हैं. उनसे पहले यह सम्मान गोष्टो पॉल, शैलन मन्ना, चुनी गोस्वामी, पीके बनर्जी, बाईचुंग भूटिया, सुनील छेत्री, बेमबेम देवी और ब्रह्मानंद संखवलकर को मिल चुका है. यह पुरस्कार विजयन के शानदार करियर में एक और उपलब्धि को जोड़ता है और भारतीय फुटबॉल के प्रति उनके योगदान को अमर करता है.
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