रिटायर हुआ भारतीय हॉकी का दिग्गज, कभी जूते खरीदने के लिए नहीं थे पैसे, फिर ऐसे तय किया फर्श से अर्श तक का सफर
Lalit Upadhyay Retirement: भारतीय हॉकी टीम के दिग्गज खिलाड़ी और ओलंपियन ललित उपाध्याय ने अंतर्राष्ट्रीय हॉकी से संन्यास की घोषणा कर दी है. ललित के पास एक समय जूते खरीदने तक के पैसे नहीं थे, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत से पूरी दुनिया भारत का परचम लहराया.

Lalit Upadhyay Retirement: ‘मेहनत’ सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि आपको आपके सपने को पूरा करने का एकमात्र जरिया है. अगर आप किसी चीज को पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, तो फिर आपको कोई नहीं रोक सकता. मेहनत आपको फर्श से अर्श तक पहुंचा सकता है और आप हर असंभव कार्य को संभव कर पाते हैं. कुछ ऐसे ही उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के एक छोटे से गांव से निकल कर ललित उपाध्याय ने भारतीय हॉकी टीम का स्टार खिलाड़ी बनने का सफर तय किया.
ललित के पास एक समय जूते खरीदने के भी पैसे नहीं थे, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत से सिर्फ अपना सपना ही नहीं पूरा किया, बल्कि अपने माता-पिता से किए वादे को पूरा किया और पूरी दुनिया में देश का परचम लहराया. वे टोक्यो और पेरिस ओलिंपिक में मेडल जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा रहे. आज ये खिलाड़ी हॉकी के एक लिजेंड के रूप में रिटायर हो चुका है. उनके संन्यास से हॉकी टीम में एक खालीपन जरूर आएगा. आइए जानते हैं ललित उपाध्याय के संघर्ष, करियर और उनके उपलब्धियों के बारे में.
8 साल की उम्र में खेलने लगे थे हॉकी
वाराणसी के एक साधारण परिवार में जन्मे ललित उपाध्याय को बचपन से ही हॉकी खेलने का जुनून था. हालांकि, आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उनके पास हॉकी स्टिक या जूते खरीदने तक के पैसे नहीं थे. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और साल 2001 में महज आठ साल की उम्र में वे अपने भाई अमित के साथ बनारस के यूपी कॉलेज के मैदान में हॉकी खेलना शुरू कर दिया. ललित की प्रतिभा को सबसे पहले उनके कोच परमानंद मिश्रा ने पहचाना था और उन्होंने ललित को न सिर्फ हॉकी बारीकियां सिखाईं, बल्कि हर संभव आर्थिक मदद भी की.
साल 2008 में भारतीय हॉकी टीम के कोच जोकिम कारवाल्हो ललित के खेल को देखकर काफी प्रभावित हुए और उन्होंने उन्हें पाकिस्तान के दिग्गज हॉकी खिलाड़ी शाहबाज सीनियर जैसा खिलाड़ी बताया. ललित ने महज 16 साल की उम्र में कुआलालपुर और सिंगापुर के लिए इंडिया कैंप में जगह बना ली थी, जिसे देखकर लोग आश्चर्य में पड़ गए.
भारत के लिए जीते दो ओलंपिक मेडल
लेकिन ललित ने इसके बाद कभी पीछे मुड़ नहीं देखा और एक के बाद एक मुकाम हासिल करते गए. आज वे यूपी पुलिस में DSP हैं और ओलंपिक विजेता भी. ललित ने टोक्यो ओलंपिक 2020 और पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय टीम को ब्रॉन्ज मेडल जीतने में अहम भूमिका निभाई. इसके साथ वे बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भी वे सिल्वर मेडल जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे. उन्होंने सेंटर फॉरवर्ड के रूप में शानदार डॉजिंग और क्रिएटिव स्टिक वर्क से फैंस का दिल जीता.
ललित भारत के लिए 210 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं. साल 2017 में ललित उपाध्याय को उनकी शानदार खेल प्रतिभा के लिए उत्तर प्रदेश ने लक्ष्मण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 2021 में उन्हें खेल के क्षेत्र में दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया. ललित वाराणसी के मुहम्मद शाहिद, विवेक सिंह और राहुल सिंह के बाद ललित चौथे ओलिपिंयन हैं. 23 जून 2025 को ललित ने अंतर्राष्ट्रीय हॉकी से संन्यास की घोषणा की. उन्होंने कहा कि वे अब वाराणसी में ग्रासरूट स्तर पर हॉकी को बढ़ावा देंगे और युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करेंगे.
Today, I announce my retirement from international hockey.
— Lalit Upadhyay (@lalithockey) June 22, 2025
It’s a tough moment, but one every athlete must face one day.
It has been the greatest honour and pride of my life to represent our country 🇮🇳🙏
Thank you for everything. 🙏 @HockeyIndiaLeag @TheHockeyIndia pic.twitter.com/OcryhKsYxQ
ललित का परिवार
ललित उपाध्याय ने 29 जनवरी 2023 को दीक्षा तिवारी से शादी रचाई. दीक्षा गोरखपुर की रहने वाली हैं और रेलवे में अधिकारी हैं. ललित की मां रीता उपाध्याय और पिता सतीश उपाध्याय पहले दुकान चलाते थे, लेकिन अब घर ही रहते हैं. उनके भाई अमित उपाध्याय प्रयागराज के एजी ऑफिस में AAO हैं. उनकी एक बहन भी है, जो अभी पढ़ाई कर रही हैं. ललित अब सिर्फ घरेलू मुकाबले में खेलते हुए नजर आएंगे.
ललित उपाध्याय की उपलब्धियां
31 वर्षीय ललित उपाध्याय ने भारतीय हॉकी टीम के लिए आखिरी बार 15 जून को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच खेला था. उन्होंने अपने करियर में खेले 183 मैचों में 67 गोल किए हैं. ललित ने अपने करियर में कई उपलब्धियों हासिल की हैं. उन्होंने ओलंपिक के अलावा 2016 में एशियाई चैंपियन ट्रॉफी और 2017 में एशिया कप में भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
साथ ही उन्होंने 2017 हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल में ब्रॉन्ज, 2018 चैंपियंस ट्रॉफी में सिल्वर, 2018 एशियाई खेलों में ब्रॉन्ज और 2018 एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में गोल्ड मेडल जीता है. ललित उपाध्याय FIH प्रो लीग 2021-22 में तीसरे स्थान पर रहने वाली और 2022 एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे.
ये भी पढ़ें- IPL में नहीं दिया था दूसरा मौका, अब अमरिकी लीग में मचा रहा तहलका, जानिये कौन है ये 23 साल का क्रिकेटर