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बच गई गंभीर की कुर्सी, चैंपियंस ट्रॉफी की जीत से मिली कोच को नई लाइफ लाइन?

चैंपियंस ट्रॉफी की शुरूआत से ही रोहित शर्मा के संभावित संन्यास को लेकर अटकलें लग रही थीं. कोच गौतम गंभीर को लेकर भी खबरें थीं कि बोर्ड उनपर एक्शन लेने वाला है. लेकिन टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतकर जहां रोहित का संन्यास टाल दिया. तो वहीं गंभीर के कोचिंग करियर को भी नई लाइफलाइन दे दी है. माना जा रहा है कि अब गंभीर बतौर कोच और मजबूत हो जाएंगे..

Rohit Gambhir

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया को हासिल हुई जीत ने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के वन-डे क्रिकेट से संन्यास की खबरों पर विराम लगा दिया है. लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि इसी जीत के साथ रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने हेड कोच गौतम गंभीर को भी उनके कोचिंग करियर में नई लाइफलाइन दे दी है. दरअसल चैंपियंस ट्रॉफी से पहले कुछ ऐसा लगने लगा था कि भारतीय क्रिकेट में कोच राहुल द्रविड़ के जाने के बाद गंभीर ‘संकट’ काल आ गया है. इस दौरान टीम इंडिया ने लगातार कई सीरीज़ हारीं, जिससे कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे सीनियर खिलाड़ी बोझ की तरह लगने लगे थे. जानकारों की एक उंगली कोच गौतम गंभीर पर भी उठ रही थी, लेकिन सिर्फ एक जीत से ये सवाल अब शांत हो गए हैं.

माना जा रहा है कि बीसीसीआई की तरफ से 2026 टी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप और 2027 में होने वाले अगले वन-डे वर्ल्ड कप के लिए तो टीम को तैयार करने पर ज़ोर रहेगा ही. लेकिन साथ ही 2025 से 2027 के बीच चलने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप साइकिल के लिए भी गौतम गंभीर पर बोर्ड का विश्वास और बढ़ गया है. ऐसे में गंभीर को आने वाले दिनों में तीनों ही फॉर्मेट की टीम को लेकर ज़िम्मेदारी दी जा सकती हैं. देखा जाए तो गंभीर को लेकर बीसीसीआई का बदलता रवैया सिर्फ चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम की जीत की बदौलत मुमकिन हुआ है. कुछ वक्त पहले ही ऐसी रिपोर्ट्स आईं थी कि अगर टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अच्छा प्रदर्शन नहीं करती तो बीसीसीआई गंभीर को टेस्ट फॉर्मेट की कोचिंग से हटा सकती है.

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वैसे जुलाई 2024 से भारतीय टीम के साथ बतौर कोच गौतम गंभीर जुड़े थे.लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी से पहले तक गंभीर के कोचिंग कार्यकाल में टीम इंडिया को सिर्फ टी-ट्वेंटी फॉर्मेट में ही सफलता मिली. जबकि टेस्ट से लेकर वनडे में भारतीय टीम को लगातार नाकामियां मिल रही थीं. इस दौरान भारतीय टीम को घर के अलावा विदेशी सरज़मीं पर भी शर्मनार हार मिली. 36 साल में पहली बार घर पर न्यूज़ीलैंड ने 3-0 से टेस्ट सीरीज़ में रौंदा तो ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज़ भी भारत के हाथ से निकल गई. टीम इंडिया की यही 2 हार उसके वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल से बाहर होने की वजह भी बनी.

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गौतम गंभीर के कार्यकाल में भारतीय टीम का वन-डे में प्रदर्शन भी खराब रहा था. जहां 27 साल में पहली बार टीम इंडिया को श्रीलंका से भी वन-डे में सीरीज़ हार का सामना करना पड़ा. हालांकि ये सब अब गुज़रे कल की बात कही जा सकती हैं. रोहित, विराट और जडेजा टी-ट्वेंटी फॉर्मेट से पहले ही संन्यास ले चुके हैं. वन-डे फॉर्मेट में तीनों अगला वर्ल्ड कप 2027 में खेलेंगे कहना मुश्किल है. चैंपियंस ट्रॉफी में वरूण चक्रवर्ती और हर्षित राणा जैसे युवाओं को मौका देना गंभीर का फैसला था, जो कारगर साबित हुआ. कुल मिलाकर अब गंभीर भविष्य की नई टीम के लिए कुछ और नए लेकिन बड़े चेहरे तैयार करेंगे. तलाश ऐसे खिलाड़ियों की भी रहेगी जो टेस्ट में भी गेम चेंजर का काम कर सकें.

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Written By

Rishabh Sharma


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